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देहरा ! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त प्रदेश के लगभग 135 कॉलेजों में 23 मई से काॅलेज प्राेफेसराें ने भूख हड़ताल शुरू की जो आज 13वें दिन में पहुंच गई है। वहीं ढलियारा उत्कृष्ट महाविद्यालय में भी भूख हड़ताल जारी है। प्राेफेसराें ने पेपर चैकिंग को पहले से ही रोक रखा है, वहीं छात्रों काे पढ़ाने से भी इनकार कर दिया है। हिमाचल प्रदेश कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन सरकार से यूजीसी का सातवां पे स्केल लागू करने की मांग कर रही है। एसोसिएशन का कहना है कि जब तक यूजीसी पे स्केल लागू नहीं होता, तब तक वे न ताे उत्तर पुस्तिका चैक करेंगे और न ही पढ़ाएंगें। वे तब तक भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हाे जाती। हिमाचल प्रदेश काॅलेज टीचर्स एसाेसिएशन ढलियारा कॉलेज इकाई अध्यक्ष प्रोफेसर सुशील कुमार ने बताया कि सरकार यूजीसी पे स्केल को लागू करने पर फैसला नहीं ले रही है, इसलिए हमें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ही प्राेफेसराें को आंदोलन करने को मजबूर कर रही है। कई बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सामने इस मांग को उठाया जा चुका हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं हाे रही है। जून में पीजी कक्षाओं का एडमिशन प्राेसेस शुरू हाेना है, जबकि टीचराें ने फाइनल ईयर के पेपर चैकिंग का काम राेक दिया है। ऐसे में अगर समय पर रिजल्ट नहीं निकलता है, ताे दूसरे स्टेट में पीजी कोर्स के लिए आवेदन करने वाले छात्र बिना रिजल्ट के काउंसिलिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। जिससे उनके करियर पर संकट आ जाएगा। एचपीयू ने 20 जून तक थर्ड ईयर के रिजल्ट घोषित करने का लक्ष्य रखा है। पेपर चैकिंग का 80 प्रतिशत जांच कार्य पूरा भी हाे चुका है, लेकिन अब काम रोक दिया गया है। जब तक सभी पेपर चैक नहीं होंगे, तब तक रिजल्ट घाेषित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारे मांगे मानी जाए नहीं तो इसके परिणाम घातक होंगे। उन्होंने कहा कि ढलियारा कॉलेज में 30 से लगभग प्राध्यापक भूख हड़ताल पर बैठे है। लेकिन कुछ प्राध्यापक पेपर ड्यूटी पर भी हैं।
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