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डलहौजी , 26 दिसंबर [ शिवानी ] ! लोक गायक रमेश कुमार के गङी दे ड्राइवरा नए पहाड़ी लोकगीत के ऑडियो को आज रिलीज किया गया। डलहौजी कैंट में आज गङी दे ड्राइवरा पहाड़ी लोकगीत जो की नाटी से संबंधित है के ऑडियो का रिलीज मुख्यातिथि डलहौजी के वरिष्ठ पत्रकार एवं डलहौजी कैंट वेलफेयर सोसाइटी के चैयरमैन सुभाष महाजन द्वारा बटन दबाकर किया गया। यह नया पहाड़ी लोकगीत बनीखेत के रहने वाले लोक गायक रमेश कुमार ने गाया है और कल्लू के संगीतकार अनिल नेगी ने इसे अपना संगीत दिया है। रमेश कुमार वर्तमान मे डलहौजी कैंट के अस्पताल में लैबोरेट्री टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं। रमेश कुमार को बचपन से ही गायकी का शौक था सबसे पहले उन्होंने हिमाचल, पंजाब और जम्मू में जागरण करके अपनी पहचान बनाई। दुर्गा मां और भगवान भोले शंकर के भजनों और पहाड़ी लोकगीतों पर पहले भी उनकी कई ऑडियो और वीडियो आ चुकी है। इसका श्रेय वह अपने स्वर्गीय पिता पृथ्वी चंद और माता कृष्णा देवी को देते हैं। रमेश कुमार ने कहा उनके इस नए गाने गङी दे ड्राइवरा को सभी वर्ग के लोग और ड्राइवर पसंद करेंगे और वह कोशिश करेंगे कि वह अच्छे से अच्छा गाते रहे। रमेश कुमार ने अपने इस गीत को उपस्थित लोगों के बीच लाइव भी गया और उपस्थित लोगों ने इस गीत पर नॉटी नृत्य भी किया। इस अबसर पर मुख्यातिथि सुभाष महाजन ने अपने संबोधन में ऑडियो की रिलीज पर रमेश कुमार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। सुभाष महाजन ने कहा कि हमें अपनी पहाड़ी संस्कृति, पहाड़ी भाषा और पहाड़ी लोकगीतों को सजोए रखना है और इसका विस्तार करना है उन्होंने कहा पहाड़ी गीत माए नी माए शिमला दे राही चम्बा कितनी दूर और नाटी नृत्य को आजकल बॉलीवुड और कई स्टेज शो में गाया और नृत्य किया जाता है।
डलहौजी , 26 दिसंबर [ शिवानी ] ! लोक गायक रमेश कुमार के गङी दे ड्राइवरा नए पहाड़ी लोकगीत के ऑडियो को आज रिलीज किया गया। डलहौजी कैंट में आज गङी दे ड्राइवरा पहाड़ी लोकगीत जो की नाटी से संबंधित है के ऑडियो का रिलीज मुख्यातिथि डलहौजी के वरिष्ठ पत्रकार एवं डलहौजी कैंट वेलफेयर सोसाइटी के चैयरमैन सुभाष महाजन द्वारा बटन दबाकर किया गया।
यह नया पहाड़ी लोकगीत बनीखेत के रहने वाले लोक गायक रमेश कुमार ने गाया है और कल्लू के संगीतकार अनिल नेगी ने इसे अपना संगीत दिया है। रमेश कुमार वर्तमान मे डलहौजी कैंट के अस्पताल में लैबोरेट्री टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत हैं।
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रमेश कुमार को बचपन से ही गायकी का शौक था सबसे पहले उन्होंने हिमाचल, पंजाब और जम्मू में जागरण करके अपनी पहचान बनाई। दुर्गा मां और भगवान भोले शंकर के भजनों और पहाड़ी लोकगीतों पर पहले भी उनकी कई ऑडियो और वीडियो आ चुकी है। इसका श्रेय वह अपने स्वर्गीय पिता पृथ्वी चंद और माता कृष्णा देवी को देते हैं।
रमेश कुमार ने कहा उनके इस नए गाने गङी दे ड्राइवरा को सभी वर्ग के लोग और ड्राइवर पसंद करेंगे और वह कोशिश करेंगे कि वह अच्छे से अच्छा गाते रहे। रमेश कुमार ने अपने इस गीत को उपस्थित लोगों के बीच लाइव भी गया और उपस्थित लोगों ने इस गीत पर नॉटी नृत्य भी किया।
इस अबसर पर मुख्यातिथि सुभाष महाजन ने अपने संबोधन में ऑडियो की रिलीज पर रमेश कुमार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। सुभाष महाजन ने कहा कि हमें अपनी पहाड़ी संस्कृति, पहाड़ी भाषा और पहाड़ी लोकगीतों को सजोए रखना है और इसका विस्तार करना है उन्होंने कहा पहाड़ी गीत माए नी माए शिमला दे राही चम्बा कितनी दूर और नाटी नृत्य को आजकल बॉलीवुड और कई स्टेज शो में गाया और नृत्य किया जाता है।
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