- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , 14 अक्टूबर [ ज्योति ] ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते कुछ ऐसे गांव हैं जिन गांवों में कई साल पहले इतनी ज्यादा सब्जी की पैदाबार होती थी की किसान अपने खेतो से साग और सब्जी शहर में बेचकर हजारों रुपए कमाते थे। लेकिन अब आलम यह है कि सरकार व विभाग के लापरवाही से आज समय ऐसा आया है कि उन्हें अपने घरों में खाने के लिए सब्जी बाजार से खरीदकर लानी पड़ रही है। आपको बता दे कि यहां के किसान हर वर्ष अपने खेतों में कई क्विन्टल धान की पैदावार किया करते थे जिससे वह बेचकर अच्छे खासे रुपए कमा लिया करते थे। लेकिन आज उन्हें अपने खाने के लिए चावल भी बाजार से खरीद के लाने पड़ रहे हैं। जिसकी मुख्य वजह यह है कि इन गांवों के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा बनाई गई सिंचाई की कुल्ल यानी नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और खेतों में सिंचाई न हो पाने की वजह से आज यहां बहुत से किसान मजबूरन अपने खेतों में फसल बीजना छोड़ रहे है या फिर उन्हें मक्की व गेहूं की फसल तक ही सीमित रहना पड़ रहा है। यहां पर जो सिंचाई के लिए नहर बनाई गई थी उसकी मरम्मत पर विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर किया जा चुका है लेकिन इतना खर्च करने के बाद ही इन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां के किसानों ने बताया कि उनके गांव के लिए जो सिंचाई के लिए नहर बनाई गई है उसका उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बताया कि सुनने में आया है कि इस नहर की मरम्मत के लिए करीब 35 लाख रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन जिस तरह से इस नहर का हाल दिख रहा है उससे लगता नहीं है कि इस नहर पर इतना खर्च किया गया हो। उन्होंने कहा कि एक समय था कि उनके गांव से शहर चम्बा के लिए सब्जी की आपूर्ति की जाती जिससे उन्हें काफी मुनाफा होता था। उनके खेतों ने धान उगाए जाते थे लेकिन आज सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उन्हें मजबूरन अपने घरों में खाने के लिए सब्जी व चावल भी बाजार से खरीद के लाने पर रहे हैं। इन किसान लोगों का कहना है कि खेतों में पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी न मिल पाने से कई किसानों ने अपने खेतों में फसल बीजना ही छोड़ दिया है। उनके खेतों में सिंचाई के लिए सिर्फ बारिश ही मात्र एक साधन बचा है अगर बारिश नहीं होती है तो वह अपनी फसल नहीं बीज पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके गांव के पीने के पानी के नलों में भी पानी सुचारु रूप से नहीं आ पाता है जिससे वह अपने घर के आसपास अपने खाने के लिए थोड़ी बहुत सब्जी उगा सके। उन्होंने विभाग व प्रशासन से आग्रह किया है की सिंचाई के लिए बनाई गई इस नहर को सुचार रूप से चलाया जाए ताकि वह आने वाले समय में अपने खेतों में सही तरीके से सिंचाई कर अपनी फसल को बीज सके। वही इस बारे जब जल शक्ति विभाग के एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई बारिश की वजह से जगह-जगह से यह नहर क्षतिग्रस्त हुई थी लेकिन उसे सुचारू रूप से चलाया गया था लेकिन एक दो जगह पर और भी भूस्खलन हुआ है विभाग द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द वहां पर भी सुरक्षा दीवार लगाकर इस नहर को सुचारू रूप से चलाया जाये।
चम्बा , 14 अक्टूबर [ ज्योति ] ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते कुछ ऐसे गांव हैं जिन गांवों में कई साल पहले इतनी ज्यादा सब्जी की पैदाबार होती थी की किसान अपने खेतो से साग और सब्जी शहर में बेचकर हजारों रुपए कमाते थे। लेकिन अब आलम यह है कि सरकार व विभाग के लापरवाही से आज समय ऐसा आया है कि उन्हें अपने घरों में खाने के लिए सब्जी बाजार से खरीदकर लानी पड़ रही है।
आपको बता दे कि यहां के किसान हर वर्ष अपने खेतों में कई क्विन्टल धान की पैदावार किया करते थे जिससे वह बेचकर अच्छे खासे रुपए कमा लिया करते थे। लेकिन आज उन्हें अपने खाने के लिए चावल भी बाजार से खरीद के लाने पड़ रहे हैं। जिसकी मुख्य वजह यह है कि इन गांवों के लिए जल शक्ति विभाग द्वारा बनाई गई सिंचाई की कुल्ल यानी नहर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है और खेतों में सिंचाई न हो पाने की वजह से आज यहां बहुत से किसान मजबूरन अपने खेतों में फसल बीजना छोड़ रहे है या फिर उन्हें मक्की व गेहूं की फसल तक ही सीमित रहना पड़ रहा है। यहां पर जो सिंचाई के लिए नहर बनाई गई थी उसकी मरम्मत पर विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च कर किया जा चुका है लेकिन इतना खर्च करने के बाद ही इन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
यहां के किसानों ने बताया कि उनके गांव के लिए जो सिंचाई के लिए नहर बनाई गई है उसका उन्हें कोई भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने बताया कि सुनने में आया है कि इस नहर की मरम्मत के लिए करीब 35 लाख रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन जिस तरह से इस नहर का हाल दिख रहा है उससे लगता नहीं है कि इस नहर पर इतना खर्च किया गया हो। उन्होंने कहा कि एक समय था कि उनके गांव से शहर चम्बा के लिए सब्जी की आपूर्ति की जाती जिससे उन्हें काफी मुनाफा होता था।
उनके खेतों ने धान उगाए जाते थे लेकिन आज सरकार के उदासीन रवैये की वजह से उन्हें मजबूरन अपने घरों में खाने के लिए सब्जी व चावल भी बाजार से खरीद के लाने पर रहे हैं। इन किसान लोगों का कहना है कि खेतों में पर्याप्त सिंचाई के लिए पानी न मिल पाने से कई किसानों ने अपने खेतों में फसल बीजना ही छोड़ दिया है। उनके खेतों में सिंचाई के लिए सिर्फ बारिश ही मात्र एक साधन बचा है अगर बारिश नहीं होती है तो वह अपनी फसल नहीं बीज पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि उनके गांव के पीने के पानी के नलों में भी पानी सुचारु रूप से नहीं आ पाता है जिससे वह अपने घर के आसपास अपने खाने के लिए थोड़ी बहुत सब्जी उगा सके। उन्होंने विभाग व प्रशासन से आग्रह किया है की सिंचाई के लिए बनाई गई इस नहर को सुचार रूप से चलाया जाए ताकि वह आने वाले समय में अपने खेतों में सही तरीके से सिंचाई कर अपनी फसल को बीज सके।
वही इस बारे जब जल शक्ति विभाग के एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई बारिश की वजह से जगह-जगह से यह नहर क्षतिग्रस्त हुई थी लेकिन उसे सुचारू रूप से चलाया गया था लेकिन एक दो जगह पर और भी भूस्खलन हुआ है विभाग द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द वहां पर भी सुरक्षा दीवार लगाकर इस नहर को सुचारू रूप से चलाया जाये।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -