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चम्बा ,01 जनवरी [ ज्योति ] ! चुराह में प्रतिभा की कमी नही बस कमी है तो प्रतिभा के लिए बेहतर मंच की ,कुछ प्रतिभाएं मंच न मिल पाने के अभाव में दब जाते है और कुछ खुद का मंच तैयार कर अभर जाते है इसी ही मिसाल चुराह के दुर्गम इलाके चरड़ा के लोकगायक संजीव ने पेश की है । बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले संजीव ने जब इसमें कदम रखा तो फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा हालांकि उन्होंने जीवन में कभी औऱ भी उपलब्धियां हासिल की लेकिन संगीत से कभी मुंह नही मोड़ा । नए साल के उपलक्ष्य पर 'गाडनुया' नाम से गाना अपने स्वयं के यूटयूब चैनल पर 1 जनवरी 2023 को अपलोड किया और लोगों द्वारा भरपूर प्यार इस गाने को दिया जा रहा है एक दिन में ही हज़ारों लोगों ने गाना देखा और अपना प्यार दिया है । संजीव पेशे से डॉक्टर है और ग्राम पंचायत चांजु में अपनी सेवाएं दे रहे है । गाने के बोल नरेश ठाकुर ने लिखे है, गाने का निर्देशन विनय ओबरोल ने किया है सहायक निर्देशक का कार्य राकेश राणा और अभिषेक ने किया है । गाने का फिल्मांकन पंकज भरद्वाज ने किया है इसके पहले संजीव के 20 से अधिक गाने रिलीज हो चुके है और इसमें लोकप्रिय गाने निम्मो,सिलो, लच्छी,लोचुआ मामा,कोढ़ा कोढ़ा कोट आदि मशहूर गाने है । संजीव ने पत्रकारों से बात करते बताया कि आने वाले समय में उनके कईं और गाने रिलीज होंगे जिसमें चुराह की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी । https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा ,01 जनवरी [ ज्योति ] ! चुराह में प्रतिभा की कमी नही बस कमी है तो प्रतिभा के लिए बेहतर मंच की ,कुछ प्रतिभाएं मंच न मिल पाने के अभाव में दब जाते है और कुछ खुद का मंच तैयार कर अभर जाते है इसी ही मिसाल चुराह के दुर्गम इलाके चरड़ा के लोकगायक संजीव ने पेश की है । बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले संजीव ने जब इसमें कदम रखा तो फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा हालांकि उन्होंने जीवन में कभी औऱ भी उपलब्धियां हासिल की लेकिन संगीत से कभी मुंह नही मोड़ा ।
नए साल के उपलक्ष्य पर 'गाडनुया' नाम से गाना अपने स्वयं के यूटयूब चैनल पर 1 जनवरी 2023 को अपलोड किया और लोगों द्वारा भरपूर प्यार इस गाने को दिया जा रहा है एक दिन में ही हज़ारों लोगों ने गाना देखा और अपना प्यार दिया है । संजीव पेशे से डॉक्टर है और ग्राम पंचायत चांजु में अपनी सेवाएं दे रहे है । गाने के बोल नरेश ठाकुर ने लिखे है, गाने का निर्देशन विनय ओबरोल ने किया है सहायक निर्देशक का कार्य राकेश राणा और अभिषेक ने किया है ।
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गाने का फिल्मांकन पंकज भरद्वाज ने किया है इसके पहले संजीव के 20 से अधिक गाने रिलीज हो चुके है और इसमें लोकप्रिय गाने निम्मो,सिलो, लच्छी,लोचुआ मामा,कोढ़ा कोढ़ा कोट आदि मशहूर गाने है । संजीव ने पत्रकारों से बात करते बताया कि आने वाले समय में उनके कईं और गाने रिलीज होंगे जिसमें चुराह की लोक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी ।
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