- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! आज जिला चम्बा में श्रम कानूनों में बदलाव व किसान विरोधी कानून के खिलाफ भरमौर में धरना प्रदर्शन किया। इसी के साथ बिजली कर्मचारी यूनियन के प्रदर्शन का सीटू जिला कमेटी समर्थन करती है। सीटू जिला कमेटी चंबा दिल्ली में संघर्षरत किसानों के साथ एकजुटता पेश करती है। मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जिस तरह से बजट में सरकारी उपक्रमों व नवरत्नों को निजी हाथों में बेचने का फैसला लिया है सीटू जिला कमेटी इसका विरोध करती है। अगर सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है तो ये हमारे देश की सम्पत्ति पर पूरी तरह कोरपोरेट के हाथों सौंपने का काम है। जिस से देश को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। इन सरकारी उपक्रमों से मिलने वाले राजस्व में घाटा रहेगा। ये नीति सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेट के हक में काम करेगी। मोदी सरकार ने श्रम कानून में बदलाव करके मजदूर वर्ग को गुलामी की जंजीरों में बांधने का काम किया है। इस कानूनी बदलाव से मजदूर को बंधुआ होकर निजी कंपनी का शोषण सहन करना पड़ेगा। कई सालों से लंबी लड़ाई लड़कर हासिल किए गए मजदूरों के हकों के कानूनों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। आज पूरे देश में आम मेहनतकश वर्ग लगातार इस सरकार के ख़िलाफ़ है लगातार आर्थिक संकट के चलते देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में मोदी सरकार नाकाम हो गई और उस से अपना पल्ला झाड़ने के लिए देश में सांप्रदायिक धुव्रीकरण का सहारा ले रही है। किसान जिस तरह से आज पूरे देश में सड़कों पर उतरा है वह भी मोदी सरकार की किसानों के प्रति सोच को दर्शाता है। किसानों को भी कॉर्पोरेट के हाथों बेचने के लिए सरकार लगातार हठी बनी हुई है। अदानी अंबानी के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। इस तरह को मजदूर किसानों विरोधी नीति को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले समय में पूरी ताकत के साथ मजदूर किसान नौजवान सड़कों पर उतरेंगे और अपने हक कि लड़ाई को लड़कर अपने अधिकार को छीनेंगे।
चम्बा ! आज जिला चम्बा में श्रम कानूनों में बदलाव व किसान विरोधी कानून के खिलाफ भरमौर में धरना प्रदर्शन किया। इसी के साथ बिजली कर्मचारी यूनियन के प्रदर्शन का सीटू जिला कमेटी समर्थन करती है। सीटू जिला कमेटी चंबा दिल्ली में संघर्षरत किसानों के साथ एकजुटता पेश करती है।
मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जिस तरह से बजट में सरकारी उपक्रमों व नवरत्नों को निजी हाथों में बेचने का फैसला लिया है सीटू जिला कमेटी इसका विरोध करती है। अगर सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में बेचा जा रहा है तो ये हमारे देश की सम्पत्ति पर पूरी तरह कोरपोरेट के हाथों सौंपने का काम है। जिस से देश को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। इन सरकारी उपक्रमों से मिलने वाले राजस्व में घाटा रहेगा। ये नीति सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेट के हक में काम करेगी।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
मोदी सरकार ने श्रम कानून में बदलाव करके मजदूर वर्ग को गुलामी की जंजीरों में बांधने का काम किया है। इस कानूनी बदलाव से मजदूर को बंधुआ होकर निजी कंपनी का शोषण सहन करना पड़ेगा। कई सालों से लंबी लड़ाई लड़कर हासिल किए गए मजदूरों के हकों के कानूनों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है।
आज पूरे देश में आम मेहनतकश वर्ग लगातार इस सरकार के ख़िलाफ़ है लगातार आर्थिक संकट के चलते देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में मोदी सरकार नाकाम हो गई और उस से अपना पल्ला झाड़ने के लिए देश में सांप्रदायिक धुव्रीकरण का सहारा ले रही है।
किसान जिस तरह से आज पूरे देश में सड़कों पर उतरा है वह भी मोदी सरकार की किसानों के प्रति सोच को दर्शाता है। किसानों को भी कॉर्पोरेट के हाथों बेचने के लिए सरकार लगातार हठी बनी हुई है। अदानी अंबानी के हाथों की कठपुतली बनी हुई है।
इस तरह को मजदूर किसानों विरोधी नीति को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले समय में पूरी ताकत के साथ मजदूर किसान नौजवान सड़कों पर उतरेंगे और अपने हक कि लड़ाई को लड़कर अपने अधिकार को छीनेंगे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -