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चम्बा ! वैश्विक महामारी करोना के चलते लगातार एक साल से अपनी जान को जोखिम में डालकर करोना काल में जिला चम्बा से सम्बन्ध रखने वाले युवा डाक्टर प्रतीक चन्द्रा अपनी निरन्तर सेवाएं दे रहे हैं। डाक्टर प्रतीक चन्द्रा जी की डयूटी करोना के सैम्पलिंग के लिए है।वह आज तक भारी मात्रा में पांच हजार से भी अधिक अकेले ही मरीजों के सैम्पल ले चुके हैं।आजकल वह जिला चम्बा के चूड़ी ब्लाक में कार्यरत हैं चूड़ी ब्लाक के अन्तर्गत आने वाले सभी दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में वह सैम्पलिंग के लिए बहुत ही निष्ठापूर्वक व ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने सैम्पलिंग का कार्यभार तो एक साल से ही सम्भाला हैं। पिछले साल भी वैश्विक महामारी करोना की लहर के चलते वह अपने घर में भी मैहमानों की तरह अकेले कमरे में रहते थे। अपने परिवार के पास होकर भी उनसे खुल के घुल मिल नहीं सकते थे। परन्तु एक तरफ सभ्य भारतीय नागरिक की मिसाल देते हूए ,वह लोगों के सेवा भाव में अपनी लगन लगाकर निरन्तर सेवाएं देते रहते थे।और वह अन्य लोगों व मरीजों को भी अपने परिवार के सदस्यों की तरह मानते थे। उनका लक्ष्य हर एक गांव में लोगों को करोना से संबंधित दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक करना व लोगों को इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए उनका सहयोग करने में मदद करना है। लोगों के सेवा भाव की वह बचपन से ही विशेष रुचि रखते हैं। सैम्पलिंग करने के साथ साथ उन्होंने वैक्सीन लगवाने का कार्यभार भी संभाला है। वह चूड़ी ब्लाक के अन्तर्गत आने वाले सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर लोगों को वैक्सीन भी लगवा रहे हैं ।वह अपनी निरन्तर सेवाएं देकर मानवता की मिसाल कायम कर रहें हैं। इसका श्रेय वह अपने माता-पिता द्वारा दिए गए उनको संस्कारों को देते हैं।उनके माता-पिता को उन पर गर्व है। उनके माता-पिता का कहना हैं कि जन सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।और जब हमारा बेटा दिन रात लोगों की सेवा करता है तो हमें बहुत ही खुशी होती हैं।और उनके माता-पिता उनका साथ देकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं।
चम्बा ! वैश्विक महामारी करोना के चलते लगातार एक साल से अपनी जान को जोखिम में डालकर करोना काल में जिला चम्बा से सम्बन्ध रखने वाले युवा डाक्टर प्रतीक चन्द्रा अपनी निरन्तर सेवाएं दे रहे हैं। डाक्टर प्रतीक चन्द्रा जी की डयूटी करोना के सैम्पलिंग के लिए है।वह आज तक भारी मात्रा में पांच हजार से भी अधिक अकेले ही मरीजों के सैम्पल ले चुके हैं।आजकल वह जिला चम्बा के चूड़ी ब्लाक में कार्यरत हैं
चूड़ी ब्लाक के अन्तर्गत आने वाले सभी दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में वह सैम्पलिंग के लिए बहुत ही निष्ठापूर्वक व ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने सैम्पलिंग का कार्यभार तो एक साल से ही सम्भाला हैं। पिछले साल भी वैश्विक महामारी करोना की लहर के चलते वह अपने घर में भी मैहमानों की तरह अकेले कमरे में रहते थे।
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अपने परिवार के पास होकर भी उनसे खुल के घुल मिल नहीं सकते थे। परन्तु एक तरफ सभ्य भारतीय नागरिक की मिसाल देते हूए ,वह लोगों के सेवा भाव में अपनी लगन लगाकर निरन्तर सेवाएं देते रहते थे।और वह अन्य लोगों व मरीजों को भी अपने परिवार के सदस्यों की तरह मानते थे। उनका लक्ष्य हर एक गांव में लोगों को करोना से संबंधित दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक करना व लोगों को इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए उनका सहयोग करने में मदद करना है।
लोगों के सेवा भाव की वह बचपन से ही विशेष रुचि रखते हैं। सैम्पलिंग करने के साथ साथ उन्होंने वैक्सीन लगवाने का कार्यभार भी संभाला है। वह चूड़ी ब्लाक के अन्तर्गत आने वाले सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर लोगों को वैक्सीन भी लगवा रहे हैं ।वह अपनी निरन्तर सेवाएं देकर मानवता की मिसाल कायम कर रहें हैं। इसका श्रेय वह अपने माता-पिता द्वारा दिए गए उनको संस्कारों को देते हैं।उनके माता-पिता को उन पर गर्व है।
उनके माता-पिता का कहना हैं कि जन सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।और जब हमारा बेटा दिन रात लोगों की सेवा करता है तो हमें बहुत ही खुशी होती हैं।और उनके माता-पिता उनका साथ देकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं।
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