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चम्बा ,01 जनवरी ! आज राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "निर्माण 2022" का शुभारंभ को हुआ । इस सात दिवसीय विशेष शिविर का थीम शिक्षित युवा एवम आत्मनिर्भर भारत रहेगा । शुभारंभ समारोह में महाविद्यालय के सह प्रोफेसर परविंद्र कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर निशा द्वारा मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को बैज लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत प्रोफेसर अविनाश द्वारा मुख्यातिथि व सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि यह शिविर सात दिनों तक चलेगा व 7 जनवरी को शिविर का समापन होगा । डॉ प्रोमिला ठाकुर ने अपने सम्बोधन में एन एस एस का इतिहास, लक्ष्य, ध्येय, गीत, राष्ट्रनिर्माण में योगदान विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करने का आह्वान स्वयंसेवियों से किया । अपने सम्बोधन में मुख्यातिथि प्रोफेसर परविंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा व समाज की सेवा ही सही स्वयंसेविपन है । उन्होंने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्य करने में आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए । कार्य संस्कृति में हाथ के काम को बुरा माना जाता है । व्यक्तित्व विकास के बिना जीवन में सफलता मुश्किल है । जीवन में कार्य करने की आदत होनी चाहिए । सभी लोग अपने घर से शुरू करें, गांव से होते हुए देश सेवा तक ले कर जाएं । विषम परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अपने आप को सशक्त बनाएं। उन्होंने भारत के गौरवमयी इतिहास, तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय, अखंड भारत की खूबियां, जिम्मेवार नागरिक के नैतिक मूल्यों, राष्ट्र निर्माण के किसी भी रूप में योगदान देने को बात कही । उन्होंने राजकीय महाविद्यालय चम्बा के एन एस एस स्वयंसेवियों के कार्यों की सराहना की । अकादमिक सत्र में प्रोफेसर निशा ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव एवम दूरगामी दुष्परिणामों के विषय में अपनी बात रखी । उन्होंने इस अवसर पर स्वयंसेवियों को बताया कि क्यों प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए व इससे होने वाले स्वास्थ्य सम्बंधित नुकसान से बचा जाए । इस अवसर पर डॉ मनेश वर्मा, डॉ प्रोमिला ठाकुर, प्रॉफेसर विजय कुमार राठौर, कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर निशा व स्वयंसेवियों में पंकज, कल्पना शर्मा, सोनू खान, लक्ष्मी वशिष्ठ, संजीव, ज्योति, सुनीता, लाजमी, निहारिका, प्रियंका, अंजली, हिमानी, विशाल, ईशा, वंदना, शिवानी, हुम देई, हसन बीबी, पलक, हितेन, नरेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे । https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा ,01 जनवरी ! आज राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "निर्माण 2022" का शुभारंभ को हुआ । इस सात दिवसीय विशेष शिविर का थीम शिक्षित युवा एवम आत्मनिर्भर भारत रहेगा ।
शुभारंभ समारोह में महाविद्यालय के सह प्रोफेसर परविंद्र कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर निशा द्वारा मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को बैज लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत प्रोफेसर अविनाश द्वारा मुख्यातिथि व सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि यह शिविर सात दिनों तक चलेगा व 7 जनवरी को शिविर का समापन होगा । डॉ प्रोमिला ठाकुर ने अपने सम्बोधन में एन एस एस का इतिहास, लक्ष्य, ध्येय, गीत, राष्ट्रनिर्माण में योगदान विषय पर अपनी बात रखी।
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उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करने का आह्वान स्वयंसेवियों से किया ।
अपने सम्बोधन में मुख्यातिथि प्रोफेसर परविंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा व समाज की सेवा ही सही स्वयंसेविपन है । उन्होंने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्य करने में आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए । कार्य संस्कृति में हाथ के काम को बुरा माना जाता है । व्यक्तित्व विकास के बिना जीवन में सफलता मुश्किल है । जीवन में कार्य करने की आदत होनी चाहिए ।
सभी लोग अपने घर से शुरू करें, गांव से होते हुए देश सेवा तक ले कर जाएं । विषम परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अपने आप को सशक्त बनाएं। उन्होंने भारत के गौरवमयी इतिहास, तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय, अखंड भारत की खूबियां, जिम्मेवार नागरिक के नैतिक मूल्यों, राष्ट्र निर्माण के किसी भी रूप में योगदान देने को बात कही । उन्होंने राजकीय महाविद्यालय चम्बा के एन एस एस स्वयंसेवियों के कार्यों की सराहना की ।
अकादमिक सत्र में प्रोफेसर निशा ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव एवम दूरगामी दुष्परिणामों के विषय में अपनी बात रखी । उन्होंने इस अवसर पर स्वयंसेवियों को बताया कि क्यों प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए व इससे होने वाले स्वास्थ्य सम्बंधित नुकसान से बचा जाए ।
इस अवसर पर डॉ मनेश वर्मा, डॉ प्रोमिला ठाकुर, प्रॉफेसर विजय कुमार राठौर, कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर निशा व स्वयंसेवियों में पंकज, कल्पना शर्मा, सोनू खान, लक्ष्मी वशिष्ठ, संजीव, ज्योति, सुनीता, लाजमी, निहारिका, प्रियंका, अंजली, हिमानी, विशाल, ईशा, वंदना, शिवानी, हुम देई, हसन बीबी, पलक, हितेन, नरेंद्र, इत्यादि उपस्थित रहे ।
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