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चम्बा , 13 सितम्बर [ शिवानी ] ! राजा राममोहन राय एक भारतीय सामाजिक, शिक्षा सुधारक थे जिन्हे आधुनिक भारत के निर्माता, आधुनिक भारत के पिता और बंगाल पुनर्जागरण के पिता के नाम भी जाना जाता है। जिन्होंने 18वी शताब्दी के दौरान में प्रचलित सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में बहुत बड़ा योगदान दिया था। आज उनके जन्म दिवस पर स्कूली बच्चों द्वारा बहुत बड़ी रैली निकाली गई। यह रैली चम्बा के ऐतिहासिक चौगान से होकर समूचे चम्बा शहर की परिक्रमा कर डीसी कार्यालय पहुंची। इस मौके पर स्कूल की बच्चियों द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में पहुंची स्कूल की छात्राओ ने राजा राममोहन राय की जीवन शैली के बारे में बताया और कहा कि हिंदू शासक राजा राममोहन राय बहुत ही दिलेर इंसान थे और यह हमेशा महिलाओं का सबसे ज्यादा सम्मान किया करते थे। इन स्कूली छात्राओं ने बताया कि उन्होंने हमेशा समाज की कुरीतियों के खिलाफ अपनी जंग को जारी रखा। उन्होंने बताया की राजा राममोहन राय ने अपने कार्यकाल के दौरान बाल विवाह, सती प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, पर्दा आदि का डट कर विरोध किया था और यही कारण है कि आज की महिलाएं पुरषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में आगे काम कर रही है। इस मौके पर जिला उपायुक्त दुनीचंद राणा ने कहा कि आज राजा राममोहन राय की उनकी 250,जयंती के सुबह अवसर पर भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय द्वारा राजा राममोहन राय की लाइब्रेरी के सौजन्य से चम्बा में एक स्कूली छात्राओं की रैली निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की रैली जोकि पहली बार हो रही है और पूरे भारत में हो रही है। उन्होंने कहा कि इन रैलियों का एक ही मकसद है कि महिलाओं के उत्थान और उनके शक्तिकरण को बढ़ावा मिले। उन्होंने बताया कि राजा राममोहन राय जोकि एक बहुत बड़े समाज सुधारक रहे है, और जो कार्य उन्होंने महिलाओं के शक्तिकरण को लेकर उठाए है उनको हम जन जन तक पहुंचाए यही हमारी उपेक्षा है।
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