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चम्बा ! राजकीय महाविद्यालय चम्बा की उत्कृष्टता के 6 दशक पूरे होने के उपलक्ष्य पर राजकीय महाविद्यालय चम्बा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन समापन समारोह पर बतौर मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ शिवदयाल रहे। सम्मेलन के दूसरे दिन 42 शोध पत्र पढ़े गए कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संयोजक डॉ मोहिन्द्र सलारिया ने बताया कि मात्र साथ होकर ही बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। सूत्र वाक्य पर आधारित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सतत विकास उद्देश्य भारतीय हिमालय क्षेत्र और उससे विकास और पर्यटन विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन को हाइब्रिड मोड पर आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 20 एवं दूसरे दिन 42 शोध पत्र पढ़े गए। इस सम्मेलन में 11 अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय उच्च शिक्षा संस्थाना और संस्थाओं ने सहयोग किया जिसमें जीएफ़एसआरडी श्रीलंका काउंन विश्वविद्यालय अर्जेंटीना यूएनसीसी एसीसीसीईसी जेजू साउथ कोरिया, आरएसएनएच भरतपुर राजस्थान, एसएचपी निस्तरीना कॉलेज पुरुलिया, पश्चिम बंगाल एमसीएम, डीएवी चंडीगढ़, आईसीएनसी आदि संस्थाओं ने सहयोग किया। इस उपलक्ष्य पर प्राचार्य डॉ शिव दयाल ने संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारा जीवन भौतिकवादिकता की ओर बढ़ रहा है जिसके चलते हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। उससे प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है हमें विकास के साथ-साथ अपने प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जितने भी शोध पत्र पढ़े गए वे सभी प्रसांगिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ओतप्रोत थे। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई दी और सभी हाइब्रिड मोड सेशन चेअर एवं को चेअर मोडरेटर का इस सफल आयोजन के लिए आभार प्रकट किया। गौरतलब है कि सम्मेलन के पहले दिन उच्च शिक्षा से जुड़े अध्यापकों को सम्मानित किया गया। जिसमें मनोज सक्सेना, डॉ रमेश चंद, दिनेश कुमार शर्मा डॉ नरेश शर्मा, सुरेश शर्मा, डॉ अश्विनी कुमार, आशुतोष व्यास, भारत भूषण रहे। इसी कड़ी में डॉ अनु मेहरा, डॉक्टर प्रोफेसर, प्रमोद्ध मेहरा, डॉक्टर एनएन शर्मा, अश्विनी कुमार, डॉक्टर अमरजीत लाल, डॉक्टर गोपाल दत्त शर्मा, डॉक्टर एसएम यादव, डॉक्टर भुवन विज, भूप सिंह, डॉक्टर एम एल शर्मा, डॉ अमरजीत को वर्चुअली सम्मानित किया गया ! इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। जिसमें डॉक्टर जयतां चौधरी, डॉक्टर एसपी मेहरा, डॉक्टर बिंदु डोगरा, डॉ रजत शर्मा, प्रोफेसर अरेमु वसीरु, प्रोफेसर मनोज सक्सेना, डॉ विशव रक्षा, प्रोफेसर उरस होऊनसटीन, मिथुन और प्राचार्य डॉ शिवदयाल शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
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