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चम्बा , 08 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! जिले के अंतर्गत पड़ने वाले चुराह विधानसभा क्षेत्र में आज भी स्कूली बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर है। जी हां यह बिल्कुल सत्य है कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के बच्चों को पांचवीं से आगे पढ़ने को हर दिन स्कूल जाने से पहले मौत की खाई को पार करना ही पड़ता है तब कहीं जाकर यह बच्चे अपने स्कूल तक पहुंच पाते है। भयानक नाले की यह तस्वीर चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत गढ़फरी की है। आपको बता दे, कि इस स्कूल में पढ़ाई करने सात गांव के बच्चे आते है और यह प्राइमरी स्कूल से आगे की पढ़ाई करने अपने गांव की सीमा से करीब तीन किलोमीटर आगे जाते है। और सभी यही स्कूल बच्चों के लिए सबसे नजदीक का पड़ता है। थल्ली पंचायत में मौजूद वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को पंगोला नाला पार करना पड़ता है। यह नाला चुराह घाटी के सबसे खतरनाक बरसाती नालों में शुमार है। जानने योग्य बात इसमें यह भी है कि गढ़फरी, बंजबाड, बलेड़ा, खगुडा, ततेआ, छछडोठ व बधोड़ गांव के नन्हें बच्चों को हर दिन इसे पैदल पार करना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय हर दिन उनकी सकुशल वापसी को लेकर भय बना रहता है। बीते सोमवार को जब यह बच्चे अपने स्कूल को जाने के लिए पंगोला नाला पार कर रहें थे तो अचानक से नाले का जलस्तर बढ़ गया। जिस वजह से बच्चे बुरी तरह से घबरा गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। उनकी आवाजे सुनकर पास में मौजूद लोग वहां पहुंचे और उन्होंने बच्चों को पीठ पर उठाकर नाला पार करवाया। लोगों का कहना है कि अगर नाले का जलस्तर चंद मिनट बाद बढ़ता तो कई घरों के चिराग बुझ जाते। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 08 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! जिले के अंतर्गत पड़ने वाले चुराह विधानसभा क्षेत्र में आज भी स्कूली बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर है। जी हां
यह बिल्कुल सत्य है कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के बच्चों को पांचवीं से आगे पढ़ने को हर दिन स्कूल जाने से पहले मौत की खाई को पार करना ही पड़ता है तब कहीं जाकर यह बच्चे अपने स्कूल तक पहुंच पाते है।
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भयानक नाले की यह तस्वीर चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली ग्राम पंचायत गढ़फरी की है। आपको बता दे, कि इस स्कूल में पढ़ाई करने सात गांव के बच्चे आते है और यह प्राइमरी स्कूल से आगे की पढ़ाई करने अपने गांव की सीमा से करीब तीन किलोमीटर आगे जाते है। और सभी यही स्कूल बच्चों के लिए सबसे नजदीक का पड़ता है।
थल्ली पंचायत में मौजूद वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल तक पहुंचने के लिए बच्चों को पंगोला नाला पार करना पड़ता है। यह नाला चुराह घाटी के सबसे खतरनाक बरसाती नालों में शुमार है।
जानने योग्य बात इसमें यह भी है कि गढ़फरी, बंजबाड, बलेड़ा, खगुडा, ततेआ, छछडोठ व बधोड़ गांव के नन्हें बच्चों को हर दिन इसे पैदल पार करना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजते समय हर दिन उनकी सकुशल वापसी को लेकर भय बना रहता है।
बीते सोमवार को जब यह बच्चे अपने स्कूल को जाने के लिए पंगोला नाला पार कर रहें थे तो अचानक से नाले का जलस्तर बढ़ गया। जिस वजह से बच्चे बुरी तरह से घबरा गए और जोर-जोर से चिल्लाने लगे।
उनकी आवाजे सुनकर पास में मौजूद लोग वहां पहुंचे और उन्होंने बच्चों को पीठ पर उठाकर नाला पार करवाया। लोगों का कहना है कि अगर नाले का जलस्तर चंद मिनट बाद बढ़ता तो कई घरों के चिराग बुझ जाते।
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