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चम्बा ! हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है वही चम्बा जिला के पहाड़ों में देवी देवताओं का वास माना जाता है। हर वर्ष यहां के मंदिरों में मेले लगते हैं। जिला के चुराह विधानसभा क्षेत्र के देवी कोठी के वैरावाली मंदिर की अपनी ही एक मान्यता है। हर साल बैशाख महीने में वैरावाली माता अपनी बहन चामुंडा से मिलने के लिए चम्बा पहुंचती है। यहां पर करीब 10-12 दिन तक माता की मूर्ति को चामुंडा माता की मूर्ति के साथ रखा जाता है और सभी भगत जन बड़े ही श्रद्धा भाव से दोनों बहनों के दर्शन करके अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं। हालांकि दो साल तक करोना की वजह से वैरावाली माता अपनी बहन चामुंडा से मिलने नहीं आ पाई थी लेकिन इस बार भक्तों को दोनों देवियों के दर्शन एक साथ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 125 किलोमीटर का पग दर पग कठिनाइयों भरा सफर तह करने के बाद मां वैरावाली अपनी बड़ी बहन मां भगवती से मिलने चामुंडा मंदिर की तरफ रवाना हुई व चम्बा के मुख्य परागण में पहुंची। ढोल, नगाड़ों, रणसींगे व बांसुरी की धुन से शुशोभित माता के सैकड़ों अनुयाइयों ने माता के चरणों में सीस निवाकर मां वैरावाली मां भगवती का आशीर्वाद लिया। बताते चले मां वैरावाली भगवती जब भी अपने स्थान बैरागढ़ देवीकोठी से चलना क्या शुरू क्या होती है तो अंधी तूफान के साथ तेज बारिश चलना शुरू हो जाती है। अब मां वैरावाली भगवती अपनी बड़ी बहन मां चामुंडा से 15 ,दिनो तक एक साथ उसी मंदिर में विराजमान रहेंगी। बता दे, कि कोरोना काल के दौरान माता का आगमन नही हो सका था और लोग माता के दर्शन तक नही कर पाए थे। मंदिर में काफी भक्तों ने काफी श्रद्धा भाव से माता का स्वागत किया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि वैरावाली माता अपनी बड़ी बहन चामुंडा से मिलने के लिए चम्बा पहुंची है और लोग बड़ी श्रद्धा भाव से इनके दर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल माता वैशाख के महीने में अपनी बहन से मिलने आती है और यहां पर अंतिम दिन जब माता का वापस जाने का समय आता है तो उस दिन यहां एक बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी लोग मेले का पूरा आनंद उठाएंगे।
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