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चम्बा, 19 फरवरी ! विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में भेड़ पालकों के हितों का ध्यान रखते हुए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु द्वारा प्रस्तुत बजट में भेड़-बकरी पालकों की बड़ी समस्याओं में डिप्पिंग और ड्रेंचिंग की व्यवस्था में सुधार के प्रावधान करने के साथ भेड़ों की ऊन कटाई की मौजूदा व्यवस्था में सुधार करके परम्परागत चरानों तथा रास्तों का पुन: निर्माण, ऊन के व्यापार में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में आए बदलाव के कारण ऊन के खरीद मूल्य में भारी गिरावट के बावजूद उचित व्यवस्था करना, प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए एफएमडी वैक्सीनेशन शुरू करने तथा विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए एक नई योजना "भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना" प्रारम्भ करने की घोषणा से भेड़ पालक काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। यहां खास बात यह है कि प्रदेश में जहाँ 8 लाख भेड़ें तथा 11 लाख बकरियों की संख्या हैं वहीं ज़िला में भेड़ पालकों के पास भेड़ 245560 तथा 225361 बकरियां है । वर्तमान में भी कई परिवारों की आर्थिकी का आधार भेड़-बकरी पालन व्यवसाय है । प्रदेश सरकार के इस निर्णय से भेड़- बकरी पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
चम्बा, 19 फरवरी ! विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में भेड़ पालकों के हितों का ध्यान रखते हुए 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया है।
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु द्वारा प्रस्तुत बजट में भेड़-बकरी पालकों की बड़ी समस्याओं में डिप्पिंग और ड्रेंचिंग की व्यवस्था में सुधार के प्रावधान करने के साथ भेड़ों की ऊन कटाई की मौजूदा व्यवस्था में सुधार करके परम्परागत चरानों तथा रास्तों का पुन: निर्माण, ऊन के व्यापार में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में आए बदलाव के कारण ऊन के खरीद मूल्य में भारी गिरावट के बावजूद उचित व्यवस्था करना, प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए एफएमडी वैक्सीनेशन शुरू करने तथा विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए एक नई योजना "भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना" प्रारम्भ करने की घोषणा से भेड़ पालक काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।
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यहां खास बात यह है कि प्रदेश में जहाँ 8 लाख भेड़ें तथा 11 लाख बकरियों की संख्या हैं वहीं ज़िला में भेड़ पालकों के पास भेड़ 245560 तथा 225361 बकरियां है । वर्तमान में भी कई परिवारों की आर्थिकी का आधार भेड़-बकरी पालन व्यवसाय है । प्रदेश सरकार के इस निर्णय से भेड़- बकरी पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
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