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चम्बा ,10 अक्टूबर ! हिमाचल प्रदेश सर्व प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक महासंघ ने, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर के समक्ष मीडिया के माध्यम से यह अपील की है कि हिमाचल सरकार द्वारा 3 जनवरी 2022 को लागू किए गए छठे वेतनमान, और जिसका संशोधन 6 सितंबर 2022 को एक बार पुनः 2 साल का वेतन वृद्धि का राइडर लगाते हुए किया गया। इस वेतनमान तथा वेतनमान के इस संशोधन से हिमाचल प्रदेश के, शिक्षा विभाग की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले, सोलह हजार से अधिक टीजीटी अध्यापकों के कैडर, जिसमें सभी संकायों के प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों (टी०जी०टी०) को खासा नुकसान हुआ है तथा टी०जी०टी० के वेतनमान निर्धारण में विसंगति रह गई है | यह विसंगति वित्त विभाग के द्वारा पंजाब पे कमीशन को पूर्णतया हिमाचल में लागू ना करने के चलते हुई है, जिसके बारे में, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अश्विनी ठाकुर भी कई बार आवाज उठा चुके हैं | इस वेतनमान में टी०जी०टी० अध्यापकों को ₹38100 के मूल वेतन वेतन तथा 3 जनवरी 2022 के बाद नियमित होने वाले इस वर्ग के अध्यापकों को 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर ₹41600 पर फिक्स किया जाएगा | जबकि पंजाब में टी०जी०टी० अध्यापकों को ₹45400 के मूल वेतन वेतन पर, 1 जनवरी 2016 से या टी०जी०टी० अध्यापकों की नियुक्ति या नियमितीकरण की तिथि से ही ₹45400 के मूल वेतन पर फिक्स किया गया उल्लेखनीय है। कि वेतनमान निर्धारण के लिए पंजाब में, जिन वर्गों के वेतन निर्धारण में 2.25 या 2.59 के गुणांक लगाने के बावजूद लाभ नहीं मिला, उन वर्गों को पंजाब के, 1 जनवरी 2016 के मूलवेतन तथा 113% महंगाई भत्ते को मिलाकर जो राशि बनती थी, उस पर 15% की बढ़ौतरी करते हुए, कुछ वर्ग विशेष के कर्मचारियों का मूल वेतन तय किया गया तथा पंजाब में टी०जी०टी० अध्यापकों का मूल वेतन भी, इसी फार्मूला के तहत तय करते हुए ₹45400 तय किया गया । परंतु हिमाचल में वर्तमान में हर एक टी०जी०टी० अध्यापक को मूल वेतन में ही हर महीने ₹7300 का आर्थिक नुकसान हो रहा है | महासंघ ने मांग की कि टी०जी०टी० अध्यापकों का मूल वेतन ₹45400 तय किया जाए तथा उच्च वेतनमान देने के लिए, 6 सितंबर 2022 को लगाई गई नियमितीकरण के बाद की, 2 वर्ष की सेवाकाल की शर्त को भी हटाया जाए। महासंघ ने यह भी मांग रखी है कि 28 दिसंबर 2021 की अधिसूचना के तहत, दो साल का अनुबंध कार्यकाल 30 सितंबर 2021 को पूरा कर चुके, उन कर्मचारियों को भी उच्च मूलवेतन का लाभ मिलना चाहिए, जिनका नियमितीकरण उनके विभागों की लेट-लतीफी के चलते 3 जनवरी 2022 के बाद नियमित हुए, उन कर्मचारियों के पक्ष में भी अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त एवं कार्मिक, श्री प्रबोद्ध सक्सेना शीघ्र अति शीघ्र चुनाव की आदर्श अचार संहिता लागू होने से पहले अधिसूचना जारी करवाएं । महासंघ ने यह भी मांग रखी है कि जिस प्रकार पंजाब सरकार के वेतनमान में यह प्रावधान है कि जिस तिथि से, पंजाब में छठे वेतनमान की सिफारिशें लागू हो रही हैं, उसके बाद सरकारी सेवा में आने वाले पंजाब के सभी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग के प्रावधानों अनुसार वेतन दिया जाएगा, ऐसी व्यवस्था हिमाचल प्रदेश में भी, पंजाब की तर्ज पर ही अपनाई जाए तथा 3 जनवरी 2022 के बाद नियुक्त एवं नियमित होने वाले कर्मचारियों को, केंद्र सरकार के सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन प्रदान किया जाए। हिमाचल प्रदेश सर्व टी०जी०टी० महासंघ की राज्य कार्यकारिणी, मुख्यमंत्री महोदय के समक्ष अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ द्वारा जिला मंडी में 'मुख्यमंत्री की एक शाम-कर्मचारियों के नाम' कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री महोदय के साथ-साथ, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अश्वनी ठाकुर तथा प्रदेश महासचिव श्री राजेश शर्मा के समक्ष अपनी इन मांगों को रख चुकी है । अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने भी टी०जी०टी० महासंघ की राज्य कार्यकारिणी के प्रतिनिधिमंडल को शीघ्र ही इन मांगों को पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया है | उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी टी०जी०टी० महासंघ की राज्य कार्यकारिणी के प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्य सचिव श्री आर डी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री प्रबोद्ध सक्सेना तथा प्रधान शिक्षा सचिव श्री देवेश कुमार के समक्ष टी०जी०टी० अध्यापकों की वेतन विसंगति को लेकर अपनी मांगों को रख चुका है। परंतु आश्वासन मिलने के बावजूद इस वेतन विसंगति को सरकार के द्वारा, चुनाव की आदर्श अचार संहिता की दहलीज़ पर खड़े होने के बावजूद, ठीक नहीं किया गया। हिमाचल प्रदेश सर्व टी०जी०टी० महासंघ की राज्य कार्यकारिणी के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष श्री अजय पटियाल, कार्यकारी महासचिव श्री सुनील शर्मा, वित्त सचिव श्री सुनील ठाकुर, संयुक्त सचिव श्री नवीन कोहली, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राजेश शर्मा, उपाध्यक्ष श्री रमेश शर्मा तथा राकेश जसवाल, कार्यकारी सदस्य श्री सुरेंद्र कुमार श्रीमती अर्चना श्री मनु देव शर्मा श्रीमती निशा श्री मनीष गर्ग ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय से यह अपील की है कि टी०जी०टी० अध्यापकों की वेतन विसंगति को मंगलवार को ही प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में दूर करते हुए शीघ्र अति शीघ्र इसकी अधिसूचना जारी करके 16000 टीजीटी अध्यापकों को राहत प्रदान की जाए । महासंघ के पदाधिकारियों ने उम्मीद जताते हुए बताया कि मुख्यमंत्री हमेशा से कर्मचारी हितैषी रहे हैं, तथा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री अश्वनी ठाकुर तथा प्रदेश महासचिव श्री राजेश शर्मा के की प्रयासों के बलबूते, मुख्यमंत्री टी०जी०टी० महासंघ की इस मांग को चुनाव की आदर्श अचार संहिता लगने से पहले अवश्य ही पूरा कर देंगे।
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