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चम्बा ! ,मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 को लेकर सदन में शनिवार को पेश किया गया बजट पर पलटवार करते हुए कहा, रमेश रॉव ने कहा कि सरकार ने महंगाई को कम करने कोई भी कदम नहीं उठाया,और न ही आम आदमी को कमर तोड़ महंगाई से निजात दिलाने की कोई भी कोशिश की गई है,। सरकार को चाहिए था कि बढ़ती पैट्रोल, डीजल की कीमतों से थोड़ी निजात दिलाने के लिए अपने स्टेट टैक्स कम करती। उन्होंने कहा आया राम और गया राम बजट में सिर्फ जनता को लुभाने सपने ही दिखाएं, डबल इंजन सरकार महंगाई और बेरोजगारी से निजात दिलाने में असफल रही हैं, सिर्फ कर्ज पे कर्ज लेकर प्रदेश की जनता पर बोझ बढाती जा रही है,उन्होंने कहा कि प्रदेश पर कर्ज बढ़ता हुआ 65,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच चुका है। राजकोषीय घाटा 8,000 करोड़ रुपए पहुंच रहा है। ऐसे में साफ है कि सरकार कर्ज के सहारे ही आगे बढ़ेगी, लेकिन दस्तावजों में इसे छुपाने के प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की रीढ़ माने जाने वाले और कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अग्रिम मोर्चे पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को भी कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है। रमेश रॉव ने बताया कि साथ ही हजारों- लाखों की तादाद में आम जनता कोरोना काल में अपनी नौकरियां गवा कर घर बैठी हुई,होटल व्यवसाय से जुड़ें हमारे भाई, टूर और ट्रेबल से जुड़ें हुए, और खास कर ड्राइविंग लाइन से जुड़ें सभी भाई बुरी तरह प्रभाभित हुए थे, आज इन लोगों को परिवार चलाने के लाले पड़े है, बारे में एक भी शब्द नहीँ बोल पाएँ, न ही की राहत दी गई। इस बजट में, कुल मिलाकर निरशाजनक बजट रहा।
चम्बा ! ,मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 को लेकर सदन में शनिवार को पेश किया गया बजट पर पलटवार करते हुए कहा, रमेश रॉव ने कहा कि सरकार ने महंगाई को कम करने कोई भी कदम नहीं उठाया,और न ही आम आदमी को कमर तोड़ महंगाई से निजात दिलाने की कोई भी कोशिश की गई है,। सरकार को चाहिए था कि बढ़ती पैट्रोल, डीजल की कीमतों से थोड़ी निजात दिलाने के लिए अपने स्टेट टैक्स कम करती। उन्होंने कहा आया राम और गया राम बजट में सिर्फ जनता को लुभाने सपने ही दिखाएं, डबल इंजन सरकार महंगाई और बेरोजगारी से निजात दिलाने में असफल रही हैं, सिर्फ कर्ज पे कर्ज लेकर प्रदेश की जनता पर बोझ बढाती जा रही है,उन्होंने कहा कि प्रदेश पर कर्ज बढ़ता हुआ 65,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच चुका है।
राजकोषीय घाटा 8,000 करोड़ रुपए पहुंच रहा है। ऐसे में साफ है कि सरकार कर्ज के सहारे ही आगे बढ़ेगी, लेकिन दस्तावजों में इसे छुपाने के प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की रीढ़ माने जाने वाले और कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर अग्रिम मोर्चे पर ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों को भी कोई आर्थिक लाभ नहीं दिया गया है।
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रमेश रॉव ने बताया कि साथ ही हजारों- लाखों की तादाद में आम जनता कोरोना काल में अपनी नौकरियां गवा कर घर बैठी हुई,होटल व्यवसाय से जुड़ें हमारे भाई, टूर और ट्रेबल से जुड़ें हुए, और खास कर ड्राइविंग लाइन से जुड़ें सभी भाई बुरी तरह प्रभाभित हुए थे, आज इन लोगों को परिवार चलाने के लाले पड़े है, बारे में एक भी शब्द नहीँ बोल पाएँ, न ही की राहत दी गई। इस बजट में, कुल मिलाकर निरशाजनक बजट रहा।
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