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चम्बा , 17 अक्टूबर [ शिवानी ] ! शूलिनी विश्विद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पीएचडी की डिग्रियां व गोल्ड मेडल विश्विद्यालय के बच्चों को अपने हाथों से दिए। चम्बा के सुराड़ा मुहल्ला की बेटी पारुल जसरोटिया ने शूलिनी विश्विद्यालय से एमएससी में योगा की डिग्री की है जिसमें पारुल ने योगा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। पारुल जसरोटिया ने एमएससी की डिग्री में गोल्ड मेडल लेने का श्रेय योगा के गुरू सुबोध सर व माला मैम के साथ साथ अपने माता पिता को दिया। पारुल चम्बा के कवि, साहित्यकार व समाज सेवी भूपिन्द्र जसरोटिया व सुराड़ा मुहल्ला की पार्षद उर्मिला जसरोटिया की बेटी है। पारुल जसरोटिया ने बताया कि आज भारत में योगा को सरकार की और से प्रोत्साहन दिया जा रहा है।भारत योग का जनक है,बच्चों को योगा में पढ़ाई करनी चाहिए, योग सभी को स्वस्थ रखने के साथ साथ अध्यात्म से भी जोड़ता है। योग की पढ़ाई करने से हम अपने सनातन धर्म को जान पाते हैं।आज दुनियां में लोग मानसिक अवसाद में बहुत जा रहे हैं,मानसिक शांति के लिए योग ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।आज योगा में रोजगार के भी अवसर बहुत ज्यादा हैं।
चम्बा , 17 अक्टूबर [ शिवानी ] ! शूलिनी विश्विद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पीएचडी की डिग्रियां व गोल्ड मेडल विश्विद्यालय के बच्चों को अपने हाथों से दिए। चम्बा के सुराड़ा मुहल्ला की बेटी पारुल जसरोटिया ने शूलिनी विश्विद्यालय से एमएससी में योगा की डिग्री की है जिसमें पारुल ने योगा में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
पारुल जसरोटिया ने एमएससी की डिग्री में गोल्ड मेडल लेने का श्रेय योगा के गुरू सुबोध सर व माला मैम के साथ साथ अपने माता पिता को दिया। पारुल चम्बा के कवि, साहित्यकार व समाज सेवी भूपिन्द्र जसरोटिया व सुराड़ा मुहल्ला की पार्षद उर्मिला जसरोटिया की बेटी है।
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पारुल जसरोटिया ने बताया कि आज भारत में योगा को सरकार की और से प्रोत्साहन दिया जा रहा है।भारत योग का जनक है,बच्चों को योगा में पढ़ाई करनी चाहिए, योग सभी को स्वस्थ रखने के साथ साथ अध्यात्म से भी जोड़ता है।
योग की पढ़ाई करने से हम अपने सनातन धर्म को जान पाते हैं।आज दुनियां में लोग मानसिक अवसाद में बहुत जा रहे हैं,मानसिक शांति के लिए योग ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।आज योगा में रोजगार के भी अवसर बहुत ज्यादा हैं।
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