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चम्बा [ सलूणी ] , 15 दिसंबर ! जैसे जैसे सर्दियों में ठंड बढ़ने लगती है वैसे ही खूंखार जंगली जानवर भी ऊपरी इलाकों को छोड़ निचले इलाकों की तरफ रुख करने लगते है। ऐसे में उन्हें भूख और प्यास का भी सामना करना पड़ता है। वहीं प्यास बुझाने के लिए एक भालू का शावक पानी की तलाश में घूमता हुआ सिंचाई टैंक में जा फंसा। मामला सलूणी उपमंडल के तहत भड़ेला नामक स्थान का है। जहां पर भालू का शावक अपनी प्यास बुझाने के लिए रात के अंधेरे में सिंचाई टैंक में उतर गया। इसके बाद वह टैंक से निकल नहीं पाया और वहीं पर फंस गया। मंगलवार सुबह करीब 6:00 बजे भड़ेला के तिमरेला के ग्रामीणों ने इसके चिल्लाने की आवाजें सुनी और वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही वनरक्षक किशोरी लाल, वन चौकीदार अमर सिंह व तानी राम मौके पर पहुंचे, और ग्रामीणों के सहयोग से भालू के शावक को पानी के टैंक से सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि उसके शरीर का 90% हिस्सा पानी में डूबा हुआ था सिर्फ सिर ही पानी के बाहर था। बिल्ला बीट के वनरक्षक किशोरी लाल ने बताया कि शावक को पानी के टैंक से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। उन्होंने जैसे ही टैंक में एक लकड़ी के टुकड़े को डाला तो शावक लकड़ी के टुकड़े पर चढ़कर टैंक से बाहर आ गया। उन्होंने बताया कि शावक पूरी तरह से सुरक्षित है और निकलने के बाद जंगल की तरफ भाग गया है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा [ सलूणी ] , 15 दिसंबर ! जैसे जैसे सर्दियों में ठंड बढ़ने लगती है वैसे ही खूंखार जंगली जानवर भी ऊपरी इलाकों को छोड़ निचले इलाकों की तरफ रुख करने लगते है। ऐसे में उन्हें भूख और प्यास का भी सामना करना पड़ता है। वहीं प्यास बुझाने के लिए एक भालू का शावक पानी की तलाश में घूमता हुआ सिंचाई टैंक में जा फंसा। मामला सलूणी उपमंडल के तहत भड़ेला नामक स्थान का है। जहां पर भालू का शावक अपनी प्यास बुझाने के लिए रात के अंधेरे में सिंचाई टैंक में उतर गया। इसके बाद वह टैंक से निकल नहीं पाया और वहीं पर फंस गया।
मंगलवार सुबह करीब 6:00 बजे भड़ेला के तिमरेला के ग्रामीणों ने इसके चिल्लाने की आवाजें सुनी और वन विभाग को इसकी सूचना दी।
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सूचना मिलते ही वनरक्षक किशोरी लाल, वन चौकीदार अमर सिंह व तानी राम मौके पर पहुंचे, और ग्रामीणों के सहयोग से भालू के शावक को पानी के टैंक से सुरक्षित बाहर निकाला। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि उसके शरीर का 90% हिस्सा पानी में डूबा हुआ था सिर्फ सिर ही पानी के बाहर था।
बिल्ला बीट के वनरक्षक किशोरी लाल ने बताया कि शावक को पानी के टैंक से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। उन्होंने जैसे ही टैंक में एक लकड़ी के टुकड़े को डाला तो शावक लकड़ी के टुकड़े पर चढ़कर टैंक से बाहर आ गया। उन्होंने बताया कि शावक पूरी तरह से सुरक्षित है और निकलने के बाद जंगल की तरफ भाग गया है।
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