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चम्बा 27 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा जिला की बात करें तो किसी समय चम्बा जिला से राष्ट्रीय स्तर की टीम में करीब 8 या 9 खिलाड़ी एक ही समय में खेला करते थे। हर खेलों में चम्बा जिला की एक अलग ही पहचान हुआ करती थी। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद अब वह बात बिल्कुल धुमिल सी हो गई है जिसकी मुख्य वजह यहां पर हर प्रकार की खेलों के लिए कोच का न होना माना जा रहा है। पिछले कई सालों से चम्बा जिला में अधिकतर खेलों के कोच नहीं है। उसमें चाहे हॉकी हो या फुटबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल या फिर बॉक्सिंग इन खेलों के लिए कोई भी खेल विभाग की तरफ से कोच नियुक्त नहीं किया गया है जिसकी वजह से बच्चों को अतिरिक्त स्किल सीखने का मौका नहीं मिल रहा है। पिछले दिनों से जो भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चम्बा जिला से खिलाड़ी उभर कर आए हैं वह अपने ही दम पर अभ्यास कर देश अपने जिले व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। कई सरकारे आई और कई चली गई लेकिन किसी ने भी इस खिलाड़ियों की समस्या का कोई समाधान नहीं किया। चम्बा जिला के खिलाड़ियों की बात करें तो उन्होंने कहा है कि चम्बा में खेलों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन उसे निखारने के लिए किसी अनुभव की काफी जरूरत है लेकिन कई साल हो चुके हैं यहां पर किसी भी खिलाड़ी के लिए किसी भी गेम का कोच उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से यहां पर या तो पूर्व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी या फिर खुद युवा अपने ही तरीके से खेलों के गुर सीख कर आगे प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि फुटबॉल के एक पूर्व खिलाड़ी है जो कभी कबार युवाओं को फुटबॉल के गुर सीखने हैं लेकिन खेल विभाग की तरफ से कोई भी कोच ना होने की वजह से युवा खिलाड़ियों को लगातार प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि चम्बा जिला में प्रतिभाओं को निखारने के लिए यहां पर हर खेल के लिए कोच उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह अपना और अपने प्रदेश का नाम पूरे विश्व में रोशन कर सके। वही जब इस बारे में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री यादविंदर गोमा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने हाल ही में खेल विभाग को संभाला है और चम्बा की समस्या के बारे में उन्हें अवगत करवाया गया है और जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठकर इस समस्या को प्रदेश सरकार तक पहुंचाया जाएगा। और कार्यवध तरीके से इसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
चम्बा 27 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा जिला की बात करें तो किसी समय चम्बा जिला से राष्ट्रीय स्तर की टीम में करीब 8 या 9 खिलाड़ी एक ही समय में खेला करते थे। हर खेलों में चम्बा जिला की एक अलग ही पहचान हुआ करती थी। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद अब वह बात बिल्कुल धुमिल सी हो गई है जिसकी मुख्य वजह यहां पर हर प्रकार की खेलों के लिए कोच का न होना माना जा रहा है।
पिछले कई सालों से चम्बा जिला में अधिकतर खेलों के कोच नहीं है। उसमें चाहे हॉकी हो या फुटबॉल, बैडमिंटन, बास्केटबॉल या फिर बॉक्सिंग इन खेलों के लिए कोई भी खेल विभाग की तरफ से कोच नियुक्त नहीं किया गया है जिसकी वजह से बच्चों को अतिरिक्त स्किल सीखने का मौका नहीं मिल रहा है।
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पिछले दिनों से जो भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चम्बा जिला से खिलाड़ी उभर कर आए हैं वह अपने ही दम पर अभ्यास कर देश अपने जिले व प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। कई सरकारे आई और कई चली गई लेकिन किसी ने भी इस खिलाड़ियों की समस्या का कोई समाधान नहीं किया।
चम्बा जिला के खिलाड़ियों की बात करें तो उन्होंने कहा है कि चम्बा में खेलों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है लेकिन उसे निखारने के लिए किसी अनुभव की काफी जरूरत है लेकिन कई साल हो चुके हैं यहां पर किसी भी खिलाड़ी के लिए किसी भी गेम का कोच उपलब्ध नहीं हो पा रहा है जिसकी वजह से यहां पर या तो पूर्व राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी या फिर खुद युवा अपने ही तरीके से खेलों के गुर सीख कर आगे प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फुटबॉल के एक पूर्व खिलाड़ी है जो कभी कबार युवाओं को फुटबॉल के गुर सीखने हैं लेकिन खेल विभाग की तरफ से कोई भी कोच ना होने की वजह से युवा खिलाड़ियों को लगातार प्रशिक्षण नहीं मिल पा रहा। उन्होंने एक बार फिर प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि चम्बा जिला में प्रतिभाओं को निखारने के लिए यहां पर हर खेल के लिए कोच उपलब्ध करवाया जाए ताकि वह अपना और अपने प्रदेश का नाम पूरे विश्व में रोशन कर सके। वही जब इस बारे में युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री यादविंदर गोमा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने हाल ही में खेल विभाग को संभाला है और चम्बा की समस्या के बारे में उन्हें अवगत करवाया गया है और जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठकर इस समस्या को प्रदेश सरकार तक पहुंचाया जाएगा। और कार्यवध तरीके से इसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
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