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चम्बा , 17 दिसंबर [ ज्योति ] ! मैडिकल कॉलेज में भले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तादाद कम हो लेकिन बाबजूद इसके जो भी डॉक्टर इस चम्बा के पंडित जवाहरलाल नेहरू मैडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे है वे कठिन से कठिन काम को अंजाम देने से भी नही चूकते है। ऐसा ही आसम्जस में डाल देने वाला वाक्य आज इस चम्बा मेडिकल डॉक्टरों ने कर दिखाया। एक वृद्ध महिला जिसकी उम्र 65,वर्षीय थी जिसका कि गिरने की वजह से एक तरफ का कुल्हे टूट गया था। महीनों तक जगह जगह भटकने के बाद भी कुछ नहीं बना तो यहां के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर माणिक सहगल और एक अन्य डॉक्टर ने करीब तीन घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद उस महिला के टूटे हुए कुल्हे को सफलता पूर्वक बदल डाला। हालांकि इस तरह के बड़े ऑपरेशन चम्बा जैसे छोटे मैडिकल कॉलेज में हो पाना असम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन सा था पर आज के इस सफल ऑपरेशन के बाद हर कोई हैरान है तो वहीं उक्त बीमार महिला का बेटा इस सफल ऑपरेशन होने के बाद फूला नहीं समा रहा है। उसका कहना है कि काफी साल पहले मेरी माता जी की कुल्हे की हड्डी टूट गई थी, तब हमने इनका ऑपरेशन टांडा में करवाया था, जब वह ठीक हुए तो कुछ ही महीनों के बाद फिर से उसी जगह चोट लगने से कुल्हे की हड्डी टूटी जिसका की इलाज करवाने हमने जगह जगह ठोकरे खाई पर फिर भी इलाज संभव नहीं हुआ। इस बीच हम अपने यहां चम्बा के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ माणिक सहगल से बात की तो उन्होंने हमें हिमकेयर कार्ड बनाने का मशवरा दिया। उन्होंने हड्डी रोग विशेषज्ञ माणिक सहगल का धन्यवाद किया। वहीं सरकार का भी धन्यवाद किया कि आज उनकी माता के टूटे हुए कुल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन हुआ है और अब वह बिल्कुल स्वस्थ है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 17 दिसंबर [ ज्योति ] ! मैडिकल कॉलेज में भले ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की तादाद कम हो लेकिन बाबजूद इसके जो भी डॉक्टर इस चम्बा के पंडित जवाहरलाल नेहरू मैडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे है वे कठिन से कठिन काम को अंजाम देने से भी नही चूकते है।
ऐसा ही आसम्जस में डाल देने वाला वाक्य आज इस चम्बा मेडिकल डॉक्टरों ने कर दिखाया। एक वृद्ध महिला जिसकी उम्र 65,वर्षीय थी जिसका कि गिरने की वजह से एक तरफ का कुल्हे टूट गया था।
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महीनों तक जगह जगह भटकने के बाद भी कुछ नहीं बना तो यहां के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर माणिक सहगल और एक अन्य डॉक्टर ने करीब तीन घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद उस महिला के टूटे हुए कुल्हे को सफलता पूर्वक बदल डाला।
हालांकि इस तरह के बड़े ऑपरेशन चम्बा जैसे छोटे मैडिकल कॉलेज में हो पाना असम्भव ही नहीं बल्कि नामुमकिन सा था पर आज के इस सफल ऑपरेशन के बाद हर कोई हैरान है तो वहीं उक्त बीमार महिला का बेटा इस सफल ऑपरेशन होने के बाद फूला नहीं समा रहा है।
उसका कहना है कि काफी साल पहले मेरी माता जी की कुल्हे की हड्डी टूट गई थी, तब हमने इनका ऑपरेशन टांडा में करवाया था, जब वह ठीक हुए तो कुछ ही महीनों के बाद फिर से उसी जगह चोट लगने से कुल्हे की हड्डी टूटी जिसका की इलाज करवाने हमने जगह जगह ठोकरे खाई पर फिर भी इलाज संभव नहीं हुआ। इस बीच हम अपने यहां चम्बा के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ माणिक सहगल से बात की तो उन्होंने हमें हिमकेयर कार्ड बनाने का मशवरा दिया।
उन्होंने हड्डी रोग विशेषज्ञ माणिक सहगल का धन्यवाद किया। वहीं सरकार का भी धन्यवाद किया कि आज उनकी माता के टूटे हुए कुल्हे की हड्डी का सफल ऑपरेशन हुआ है और अब वह बिल्कुल स्वस्थ है।
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