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चम्बा ! भाजपा द्वारा हिमाचल में सत्ता में आने से पहले और आने के बाद अनुबंध कार्यकाल घटाकर 3 वर्ष से 2 वर्ष करने के लिए किए गए वायदे को सरकार के 4 साल बीत जाने के बावजूद माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा इस वायदे को पूरा न करने और लगातार 4 वर्षों से माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा इस मुद्दे को बार-बार सकारात्मक आश्वासनों के बावजूद हल ना करने के चलते, हिमाचल प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत 19 हजार से ज्यादा अनुबंध कर्मचारियों में रोष की लहर व्याप्त हो चुकी है l हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी एवं जिला कार्यकारणियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री, विभिन्न विभागों के मंत्रियो एवं स्थानीय विधायकों को विभिन्न स्थानों पर 2 वर्ष अनुबंध की ज्ञापन सौंपा। हर जगा जगह सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और आश्वासन दिया गया कि आप की मांग को जल्द ही सरकार पूरा करेगी अगस्त महीने में महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की तरफ़ से महासचिव सुरेंद्र नड्डा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल उपाध्यक्ष सुनील शर्मा उपाध्यक्ष संदीप शर्मा एवं वित्त सचिव अविनाश सैनी ने माननीय मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्रियों सुरेश भारद्वाज जी महेंद्र सिंह ठाकुर जी गोविंद सिंह ठाकुर जी, राजीव सैज़ल जी, विरेंद्र कंवर जी मुख्य वित्त सचिव प्रबोध सक्सेना जी हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्विनी ठाकुर जी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष भूपेंदर सिंह जी एवं महासचिव महेश शर्मा जी को शिमला में एवं अराजपत्रित महासंघ के महासचिव राजेश शर्मा जी को जिला मण्डी में ज्ञापन दिए और विस्तार पूर्वक बताया की अनुबंध कर्मचारियों के लिए 30 सितंबर 2021 एक महत्वपूर्ण तिथि है। अगर 30 सितंबर से पहले पहले हमारी घोषणा एवं अधिसूचना होती है ,तो अधिकतम कर्मचारी लाभान्वित होंगे परंतु अगर 30 सितंबर से पहले अधिसूचना नहीं होती है तो समस्त अनुबंध कर्मचारी कर्मचारियों और उनके परिवारों में एक निराशा छा जाएगी। अधिकतर विभागों में वही कर्मचारी बचे हैं जो वर्तमान सरकार द्वारा लगाए गए हैं इसलिए सभी कर्मचारियों को वर्तमान सरकार से बड़ी उम्मीद थी सभी यह सोच रहे थे माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी भाजपा के पहले मुख्यमंत्री बनेंगे जो अनुबंध काल को कम करेंगे। अनुबंध कर्मचारी सबसे कम वेतन होने के बावजूद, अनुबंध कर्मियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौर में संबंधित विभाग में निष्काम भाव से अपनी सेवाएं देने के साथ-साथ अनुबंध कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में भी सहयोग दिया गया l जहां भी संभव हो पाया अनुबंध कर्मचारियों ने हर जगह अपनी लगाई गई ड्यूटी को तन मन धन से निभाया है अतीत दुर्गम क्षेत्रों में एवं अपने घरों से दूर इस करो ना कॉल में नौकरी करना मुश्किल हो गया था अधिकतर अनुबंध कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से गुजारना पड़ा कई बार अपने स्टेशन पर पहुंचने के लिए स्पेशल गाड़ी भी करनी पड़ती थी तो एक्साइड जाने का ही 4000-5000 रुपए लग जाता था हमारे मुख्यमंत्री महोदय ने कम वेतन पर लगे हुए सभी कर्मचारियों को कोई ना कोई तोहफा दिया परंतु अनुबंध कर्मचारियों को 2 वर्ष का तोहफा ना मिलने से समस्त अनुबंध कर्मचारी ठगा सा महसूस कर रहा है। महासंघ के अध्यक्ष अरुण भारद्वाज राज्य प्रैस सचिव राकेश ठाकुर एवं अलग-अलग जिलों से जिला अध्यक्षों की अध्यक्षता में जहां भी सरकार के प्रतिनिधि आते थे वहां पर 2 वर्ष अनुबंध की मांग के संबंधित ज्ञापन दिए। हर बार अपनी मांग को प्रमुखता और विस्तार पूर्वक रखा गया । महासंघ के जिला अध्यक्षों में जिला मंडी से गिरधारी लाल चौहान जिला चंबा से बलवीर सिंह बल्ली जिला सोलन से सुनील जोशी जी एवं रमेश कुमार शर्मा जिला कांगड़ा से जितेंद्र सिंह जिला सिरमौर से सुधीर शर्मा एवं जिला ऊना से राजेश अग्निहोत्री एवं रिपन कुमार जिला शिमला से पंकज टिल्टा जिला कुल्लू से सीता राखा और अन्य अनुबंध साथियों ने अपनी मांग को सरकार के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा महासंघ के पास बजट की कमी को चलते हुए भी सभी प्रतिनिधियों ने अपने खर्चे पर जाकर ज्ञापन दिए सभी प्रतिनिधियों का योगदान और जज्बा काबिले तारीफ रहा। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की तरफ से जेसीसी मीटिंग में मांगी गई संभावित पांच मांगों में हमारी मांग पहली तीन मांगों में शामिल की गई। लगभग सभी विभागों द्वारा दिए गए मांग पत्र में हमारी मांग को प्रमुखता से शामिल किया गया। इसके साथ ही विभिन्न विभागों के संगठनों अध्यापक संगठनों एवं हिमाचल प्रदेश के समस्त समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया टीवी चैनलों ने हमारी मांग को हर बार प्रमुखता से उठाया। हम महासंघ की तरफ से सभी का दिल से आभार व्यक्त करते हैं । जैसे 28 सितंबर को चुनावों की घोषणा हुई तो अनुबंध कर्मचारियों को वर्तमान सरकार से लगाई गई उम्मीद को धक्का लगेगा । अगर वर्तमान सरकार इस समय हमारी मांग को पूरा कर देती तो समस्त अनुबंध कर्मचारी एवं उनके परिवार लाभान्वित होते । वर्तमान सरकार की तरफ से यदि अनुबंध अवधि को 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष की घोषणा एवं अधिसूचना हो जाति तो कम से कम 10,000 अनुबंध कर्मचारियों को लाभ होता ।
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