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चम्बा ! चम्बा जिला के साथ लगती भड़ियाँ पंचायत के आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भड़ियाँ कोठी स्कूल के छात्र रोजाना अपनी जान को जोखिम में डाल स्कूल के मुख्य द्वार पर लकड़ी के फट्टों को पार कर शिक्षा ग्रहण करने पहुंच रहे हैं। दरअसल राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भड़ियाँ कोठी स्कूल के नीचे सड़क निर्माण का कार्य चला हुआ था जिसके करण स्कूल के मुख्य द्वार के साथ लगती दीवार भूस्खलन की चपेट में आ गई है लेकिन लोक निर्माण विभाग इस बात से पल्ला झाड़ रहे हैं। यहां पर सवाल यह नहीं है की भस्खलन किस बजह से हुआ, सवाल यहां यह है की आखिर सेंकडो बच्चों की जिंदगी के साथ इस तरह से खिलवाड़ कोई कैसे कर सकता है। लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी भूस्खलन की चपेट में आई दीवार को ठीक नहीं किया गया। ऐसा नहीं है कि यह बात किसी के ध्यान में न हो। चाहे स्कूल प्रबंधन हो या लोक निर्माण विभाग या फिर पंचायत प्रतिनिधि व स्थानीय प्रशासन यह सभी इस समस्या के बारे में भलीभांति परिचित है लेकिन बावजूद उसके जिस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए उसे नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसा लगता है कि प्रशासन इंतजार कर रहा हो कि कहीं कोई हादसा हो फिर उसके बाद यहां कोई कार्य किया जाए। यहां एक हैरानी की बात यह भी है कि जिस क्षेत्र में यह स्कूल है उसी क्षेत्र में यहां पर जिला परिषद अध्यक्षा नीलम कुमारी का भी घर है और वह रोजाना इसी रास्ते से होकर अपने काम के लिए आती जाती हैं। अगर यहां पर कोई हादसा होता है तो फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा यह एक प्रश्न जरूर पैदा होता है। स्कूल के छात्र - छात्राओं ने बताया कि उनके स्कूल के मुख्य द्वार पर करीब चार-पांच महीने पहले दीवार भूस्खलन का शिकार हो गई थी। उन्हें रोजाना इन्हीं लकड़ी के फट्टों को पार कर स्कूल जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस फट्टों को पार करते समय उन्हें बहुत डर लगता है कि कहीं वह गिर ना जाए। उन्होंने सरकार से एक बार फिर से आग्रह किया है कि उनके स्कूल के नीचे गिरी दीवार को ठीक किया जाए ताकि उन्हें कोई खतरा ना हो। वही स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा कि उन्हें अभी स्कूल में आए हुए कुछ ही समय हुआ है और उन्होंने आते ही सबसे पहले इस रास्ते के बारे में प्रशासन ,विभाग व पंचायत प्रतिनिधियों को अवगत करवा दिया है और उनके साथ पत्राचार भी किया गया है लेकिन अभी तक इसके ऊपर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। वही जब उपायुक्त चम्बा से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में यह बात आई है और उन्होंने तुरंत वीडियो को जल्द प्राथमिकता के आधार पर इस कार्य को करने के आदेश जारी कर दिए हैं। और गर सम्भव हो पाया तो प्रशासन की और से कुछ धनराशि इस कार्य के लिए दी जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि अगर विभाग व प्रशासन इस तरह से आपातकालीन स्थिति में बच्चों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर सकता है तो अन्य क्षेत्रों पर लोगों को क्या सुविधोएँ मिल पा रही होंगी ।
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