- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! जागोरी द्वारा विकासखंड तीसा के गांव चिल्ली में किसानों के साथ कलस्टर बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें किसान समूह लिलेरा, चिल्ली, नाकोई, गलोडी, तीसा व शतेंवा के 25 किसानों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य किसानों को एक मंच पर इकट्ठा करना जहां वह प्राकृतिक खेती से संबंधित अपने अनुभवों को एक दूसरे के साथ सांझा कर सके। बैठक की शुरुआत आपसी परिचय के साथ की गई जिसमें किसानों ने अपने परिचय के साथ प्राकृतिक खेती के अनुभवों को भी एक दूसरे को बताया किसानों ने कहा कि पहले हमारे पूर्वज देशी मक्की, गेहूं ,जो,कोदरा, फूलन ,कोनी इत्यादि अपने खेतों में उगी फसलों का सेवन करते थे जो प्राकृतिक तरीके से उगाई जाती थी जिसमें किसी भी प्रकार की रसायनिक खाद व छिड़काव का प्रयोग नहीं की जाता था जिसके कारण वह स्वस्थ थे आज ज्यादा कमाने के चक्कर में अधिकतर किसान रसायनिक खाद व छिड़काव का प्रयोग अपनी खेती में कर रहे हैं । इसके अतिरिक्त बहुत सारे अनाजों की खेती करना बंद कर दी है जोकि हमारे वातावरण के अनुकूल थी। किसानों को जागोरी टीम द्वारा प्राकृतिक खेती के फायदा बारे बताया गया रासायनिक खेती से जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होने से फसलों में रोग बढ़ने की ज्यादा संभावना रहती है। जिससे फसलों को काफी नुकसान होता है प्राकृतिक खेती करने से फसल की लागत मैं कमी होती है व मुनाफा अधिक होता है टीम द्वारा पारंपरिक बीजों के इस्तेमाल करने की भी किसानों को सलाह दी गई। जीवामृत ,घना जीवामृत, बीजामृत का निरंतर प्रयोग करने को कहा रवि की फसलों में देसी गेहूं ,सरसों ,जो ,लहसुन की बिजाई पर भी चर्चा की गई। बैठक में जागोरी टीम से कुलदीप कुमार व शबीर मोहम्मद ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -