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चम्बा ! जम्मुहार पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। लुड्डू जम्मुहार मार्ग चौड़ा होने के बाद पर्यटन की संभावनाएं और भी ज्यादा बढ़ चुकी है और यहां बर्फ पढ़ने के बाद भारी मात्रा में स्थानीय चंबा शहर के लोग और बाहर से आए हुए पर्यटको की भीड दिन प्रतिदिन बहुत ज्यादा बढती ही जा रही हैं। यहां पर जम्मु नागराज का प्राचीन मंदिर है। जिसमें भारी मात्रा में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और यहां राजा के समय का प्राचीन तालाब भी है और एक राजा के समय का प्राचीन कुआं भी है। राजा के समय का पुराना सेबो का बाग भी है और देवदारो के पेड़ों से ढका हुआ घना जंगल है। पर्यटकों का दिल खुश करने का हर समय सुहावना मौसम बना रहता है। आजकल के दिनों में बर्फ पड़ने से उस आकर्षण केंद्र का का आकर्षण पहले से और भी ज्यादा बढ़ चुका है। जिससे दिन प्रतिदिन भारी तादार में पर्यटक यहां आकर बर्फ का लुफ्त उठा रहे हैं। ठंड के इस दौर में स्थानीय दुकानदारों का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इस पर्यटन स्थल को और भी सुंदर बनाने के लिए और उचित कदम उठाने चाहिए।जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और बेरोजगारी की समस्या से कुछ ना कुछ प्रतिशत तो निजात मिलेगी। पठानकोट से स्पेशली आए रिंकू मैहरा जिनकी दुकान पठानकोट गांधी चौक में तरसेम दा ढा़बा के नाम से मशहूर है। उनके साथ उनके बच्चो ने जम्मुहार की वादियों को सराहा है। उन्होंने जम्मुहार में पड़ी ढेर सारी बर्फ का लुफ्त उठाया। और उनका कहना है कि उनको सबसे ज्यादा आनंद जम्मुहार में ही आया है। क्योंकि खज्जियार व डल्हौजी में पार्किंग की बहुत ही ज्यादा समस्या है।और बहुत ही ज्यादा पार्किंग व वैरीयर में शुल्क बसूल किए जाते हैं।और वहां पर हर चीज के दाम अधिक मात्रा में बसूल किए जाते हैं।मगर जम्मुहार में ऐसा कुछ भी नहीं है।सब कुछ सामान्य है। दिन प्रतिदिन जम्मुहार की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में जम्मुहार भी खज्जियार व डल्हौजी की तर्ज पर्यटन नगरी बन जाएगा।
चम्बा ! जम्मुहार पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। लुड्डू जम्मुहार मार्ग चौड़ा होने के बाद पर्यटन की संभावनाएं और भी ज्यादा बढ़ चुकी है और यहां बर्फ पढ़ने के बाद भारी मात्रा में स्थानीय चंबा शहर के लोग और बाहर से आए हुए पर्यटको की भीड दिन प्रतिदिन बहुत ज्यादा बढती ही जा रही हैं। यहां पर जम्मु नागराज का प्राचीन मंदिर है। जिसमें भारी मात्रा में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और यहां राजा के समय का प्राचीन तालाब भी है और एक राजा के समय का प्राचीन कुआं भी है। राजा के समय का पुराना सेबो का बाग भी है और देवदारो के पेड़ों से ढका हुआ घना जंगल है। पर्यटकों का दिल खुश करने का हर समय सुहावना मौसम बना रहता है। आजकल के दिनों में बर्फ पड़ने से उस आकर्षण केंद्र का का आकर्षण पहले से और भी ज्यादा बढ़ चुका है। जिससे दिन प्रतिदिन भारी तादार में पर्यटक यहां आकर बर्फ का लुफ्त उठा रहे हैं। ठंड के इस दौर में स्थानीय दुकानदारों का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इस पर्यटन स्थल को और भी सुंदर बनाने के लिए और उचित कदम उठाने चाहिए।जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और बेरोजगारी की समस्या से कुछ ना कुछ प्रतिशत तो निजात मिलेगी।
पठानकोट से स्पेशली आए रिंकू मैहरा जिनकी दुकान पठानकोट गांधी चौक में तरसेम दा ढा़बा के नाम से मशहूर है। उनके साथ उनके बच्चो ने जम्मुहार की वादियों को सराहा है। उन्होंने जम्मुहार में पड़ी ढेर सारी बर्फ का लुफ्त उठाया। और उनका कहना है कि उनको सबसे ज्यादा आनंद जम्मुहार में ही आया है। क्योंकि खज्जियार व डल्हौजी में पार्किंग की बहुत ही ज्यादा समस्या है।और बहुत ही ज्यादा पार्किंग व वैरीयर में शुल्क बसूल किए जाते हैं।और वहां पर हर चीज के दाम अधिक मात्रा में बसूल किए जाते हैं।मगर जम्मुहार में ऐसा कुछ भी नहीं है।सब कुछ सामान्य है। दिन प्रतिदिन जम्मुहार की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में जम्मुहार भी खज्जियार व डल्हौजी की तर्ज पर्यटन नगरी बन जाएगा।
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