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चम्बा , 22 अक्टूबर [ शिवानी ] ! हिमाचल में चुनावी दौर के समय टिकट कटने व मिलने पर निकले भिन्न-भिन्न तरह के खुशी व गम के आँसुओं पर समाजसेवी भूपिन्द्र जसरोटिया द्वारा कड़ा प्रहार, इसमें कविता के द्वारा यह बताने की भी कोशिश की गई है कि आँसू देश प्रेम समाज के प्रति व भक्तिभाव में भी निकलते हैं। लेकिन कुछ लोगों के आँसू स्वार्थवश भी निकले, कुछ आँसू टिकट मिलने की खुशी पर निकले, कुछ लोगों ने क्षुब्ध होकर पार्टियां ही बदल ली,समाज सेवा बिना टिकट मिले भी की जा सकती है,लेकिन सामदाम दंडभेद लगाकर टिकट के लिए जोर आजमाइश मात्र सता के साथ मोह को दर्शाता है।
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