- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! एजुकेशन सोसाइटी चाइल्डलाइन (1098) चम्बा द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाल मजदूरी निषेध दिवस के उपलक्ष पर चम्बा उपमंडल की ग्राम पंचायत द्रम्मण में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान एसीजेएम व सेक्रेटरी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विशाल कौंडल मुख्यातिथि के रूप में मौजूद रहे जबकि अधिवक्ता नवीन कुमार ठाकुर, सुल्तानपुर वार्ड की वार्ड पार्षद सीमा कुमारी, महिला मंडल की प्रधान कांता देवी आदि विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। सर्वप्रथम चाइल्डलाइन समन्वयक कपिल शर्मा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाल मजदूरी निषेध दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा साथ ही उपस्थित बच्चों व महिलाओं के साथ बाल-संरक्षण के संबंध में विस्तारपूर्वक संवाद किया व उन्हें चाइल्डलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 द्वारा शोषण के शिकार 0 से 18 वर्ष के बच्चों व कुछ विशेष परिस्थितियों में 25 वर्ष आयु वर्ग तक के युवक-युवतियों हेतु प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। लोगों से आग्रह किया गया कि वे 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी हालत में अपने घर में काम पर ना रखें। विशेषकर लड़कियों को किसी के घर पर भी काम पर ना रखा जाए क्योंकि बदलते परिवेश में जहां बच्चियां अपने घर में सुरक्षित नहीं है तो वहां दूसरों के घरों में उनकी सुरक्षा की क्या गारंटी है। बच्चों से आग्रह किया गया कि वे यौन-शोषण के प्रति सजग रहें तथा किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास ना करें। उन्हें आश्वासन दिया गया कि यदि उन्हें किसी भी प्रकार की असुरक्षा या भय हो तो वे इस संबंध में अपने मित्रों, अभिभावकों व अध्यापकों से बात करें और यदि आवश्यकता हो तो नि:संकोच चाइल्डलाइन की मुफ्त फोन सेवा 1098 पर सूचित करें। लोगों का बच्चों को आश्वासन दिया गया कि किसी भी गुप्त सूचना में सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। तत्पश्चात अधिवक्ता नवीन कुमार ठाकुर द्वारा बाल-मजदूरी निषेध दिवस के महत्व व बाल-मजदूरी की बुराई पर गंभीरता से प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार 0 से लेकर 14 साल के बच्चों हेतु निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है और यदि ऐसी परिस्थिति में कोई अभिभावक अपने बच्चे से बाल-मजदूरी करवाता है या कोई नियोक्ता किसी दूसरे के बच्चों को अपने घर में काम पर रखता है तो उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। जिसमें कम से कम 20000 और अधिक से अधिक 50,000 रुपए के जुर्माने सहित कड़ी कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। तत्पश्चात मुख्यातिथि एसीजेएम एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विशाल कौंडल जी ने भी बाल मजदूरी को समाज की एक गंभीर बीमारी बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाल मजदूरी से बच्चे का बौद्धिक व सामाजिक विकास रुक जाता है तथा वह समाज की मुख्यधारा में नहीं जुड़ पाता तथा राष्ट्र के विकास में अपेक्षित योगदान भी नहीं दे पाता। इसके साथ-साथ उन्होंने नशे की बुराई पर भी प्रकाश डाला और साथ ही साथ जरूरतमंद लोगों हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जा रही मुफ्त कानूनी सहायता हेतु भी जनता को जागरूक किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी सामाजिक बुराई के लिए समाज को एकजुट होकर आगे आना होगा तभी सरकारी विभाग एवं गैर सरकारी संस्थाएं प्रभावशाली ढंग से कार्य कर सकती है। उन्होंने घरेलू हिंसा पर चर्चा करते हुए कहा कि निस्संदेह यह एक सामाजिक बुराई है तथा महिलाओं का शोषण हो रहा है। परंतु उन्होंने यह बात भी जोर देकर कहीं कि आज के युग में केवल महिलाऐं ही प्रताड़ित नहीं है अपितु बहुत से मामलों में महिलाएं भी पुरुषों को प्रताड़ित कर रही हैं। कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने अपनी समस्याओं को महोदय के सामने रखा और उन्होंने लोगों को उन समस्याओं के समाधान का पूरा भरोसा दिलाया। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भुवन शर्मा, अरुणा, ललिता, सीमा, अंजू, कामना, चाइल्डलाइन टीम पंकज कुमार, चाइल्डलाइन स्वयंसेवी दीप कुमार व समाजसेवी सपना ठाकुर सहित ओबड़ी क्षेत्र की लगभग 40 महिलाएं व 20 बच्चे मौजूद रहे।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -