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चम्बा ! उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि चम्बा जिला में निर्मित होने वाले सभी अस्पताल भवनों को पूरी तरह से भूकंप रोधी बनाने की दिशा में गंभीरता बरतते हुए कार्य किया जाना सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने ये बात आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित जिला आपदा प्रबंधन आथॉरिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में जो अस्पताल भवन कई दशक पूर्व बने हैं उनकी क्षमता का भी आकलन किया जाए ताकि उन्हें भी भूकंप की तीव्रता के लिए रेट्रोफिटिंग तकनीक के माध्यम से पुष्ट बनाया जा सके। उपायुक्त ने यह भी कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन परिसर के समीप हेलीपैड निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी जाएं ताकि आपदा की स्थिति में इस हेलीपैड का उपयोग किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि भूकंप जैसी त्रासदी की सूरत में चौगान मैदान राहत शिविर के रूप में उपयोग हो सकता है। ऐसे में चौगान में भी हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए व्यवस्था रहनी चाहिए। इसके लिए वर्तमान में जो भी अवरोध हैं उन्हें हटाया जा सकता है। उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े व्यवसायिक निर्माण हुए हैं या हो रहे हैं। इन निर्माण कार्यों में भूकंप को झेलने के लिए जो मानक तय किए गए हैं उन्हें अपनाया जा रहा है या नहीं इस पर भी निगरानी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र के एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा जो समय-समय पर निर्माण कार्य की जांच करके यह सुनिश्चित बनाएगी कि निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप किया जा रहा है। उपायुक्त ने अग्निशमन विभाग को भी यह निर्देश दिए कि विभाग अस्पतालों के अलावा अन्य विभागीय भवनों की जांच करके तय करे कि आग लगने की घटना होने की सूरत में क्या पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है या नहीं। उपायुक्त ने कहा कि चंबा शहर की सीवरेज व्यवस्था दशकों पुरानी है। जल शक्ति विभाग सीवरेज व्यवस्था के चरणबद्ध तरीके से पुनरुद्धार करने की योजना तैयार करे। इस बारे उपाण्डाल दण्डा अधिकारी सीवम प्रताप सिंह ने बताया कि हमारा चम्बा जिला भूकंप के नजरिये से सम्वेदन शील है और आलमोस्ट यह जिला अर्थ जॉन के हिसाब से पांचवे नंबर में आता है। उन्होंने बताया कि इसका सीधा सीधा तातपर्य यह है की इस जिले में आने वाले भूकंप से काफी खतरा है। उन्होंने बताया कि अगर हम कुछ समय पहले की बात करे तो चम्बा जिले में चार से पांच भूकंप जिनकी तीव्रता चार से पांच डिग्री डिग्री तक रही है आ चुके है। उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप के बचाव के लिए हमे पहले से ही उस तरह की इमारतों का निर्माण करना होगा। उन्होंने बताया कि हम हर पंचायत स्तर पर 15 ऐसे वालंटियर तैयार कर रहे है जिसके बारे में उनको सब जानकारी होगी जिसकी की ट्रेंनिग चल रही है। और ऐसे में हो वही लोग ऐसे उस हालत को संभालेंगे।
चम्बा ! उपायुक्त डीसी राणा ने कहा कि चम्बा जिला में निर्मित होने वाले सभी अस्पताल भवनों को पूरी तरह से भूकंप रोधी बनाने की दिशा में गंभीरता बरतते हुए कार्य किया जाना सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने ये बात आज उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित जिला आपदा प्रबंधन आथॉरिटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि जिले में जो अस्पताल भवन कई दशक पूर्व बने हैं उनकी क्षमता का भी आकलन किया जाए ताकि उन्हें भी भूकंप की तीव्रता के लिए रेट्रोफिटिंग तकनीक के माध्यम से पुष्ट बनाया जा सके।
उपायुक्त ने यह भी कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन परिसर के समीप हेलीपैड निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी जाएं ताकि आपदा की स्थिति में इस हेलीपैड का उपयोग किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि भूकंप जैसी त्रासदी की सूरत में चौगान मैदान राहत शिविर के रूप में उपयोग हो सकता है। ऐसे में चौगान में भी हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए व्यवस्था रहनी चाहिए। इसके लिए वर्तमान में जो भी अवरोध हैं उन्हें हटाया जा सकता है। उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े व्यवसायिक निर्माण हुए हैं या हो रहे हैं। इन निर्माण कार्यों में भूकंप को झेलने के लिए जो मानक तय किए गए हैं उन्हें अपनाया जा रहा है या नहीं इस पर भी निगरानी रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्र के एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाएगा जो समय-समय पर निर्माण कार्य की जांच करके यह सुनिश्चित बनाएगी कि निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप किया जा रहा है।
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उपायुक्त ने अग्निशमन विभाग को भी यह निर्देश दिए कि विभाग अस्पतालों के अलावा अन्य विभागीय भवनों की जांच करके तय करे कि आग लगने की घटना होने की सूरत में क्या पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है या नहीं। उपायुक्त ने कहा कि चंबा शहर की सीवरेज व्यवस्था दशकों पुरानी है। जल शक्ति विभाग सीवरेज व्यवस्था के चरणबद्ध तरीके से पुनरुद्धार करने की योजना तैयार करे।
इस बारे उपाण्डाल दण्डा अधिकारी सीवम प्रताप सिंह ने बताया कि हमारा चम्बा जिला भूकंप के नजरिये से सम्वेदन शील है और आलमोस्ट यह जिला अर्थ जॉन के हिसाब से पांचवे नंबर में आता है। उन्होंने बताया कि इसका सीधा सीधा तातपर्य यह है की इस जिले में आने वाले भूकंप से काफी खतरा है। उन्होंने बताया कि अगर हम कुछ समय पहले की बात करे तो चम्बा जिले में चार से पांच भूकंप जिनकी तीव्रता चार से पांच डिग्री डिग्री तक रही है आ चुके है। उन्होंने यह भी बताया कि भूकंप के बचाव के लिए हमे पहले से ही उस तरह की इमारतों का निर्माण करना होगा। उन्होंने बताया कि हम हर पंचायत स्तर पर 15 ऐसे वालंटियर तैयार कर रहे है जिसके बारे में उनको सब जानकारी होगी जिसकी की ट्रेंनिग चल रही है। और ऐसे में हो वही लोग ऐसे उस हालत को संभालेंगे।
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