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चम्बा ,17 दिसंबर ! जिला चम्बा के चुराह क्षेत्र के तहत आने वाले गुवाड़ी गांव को सामुदायिक आधारित गांव बनाने को लेकर रविवार को जिम्मेदार पर्यटन को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला नाट आन मैप तथा एसोसिएशन फार द कंजरवेशन एंड टूरिज्म(एक्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। इस दौरान एक्ट संस्था की ओर से नीलिमा तमांग व विशाल गुरूंग ने गुवाड़ी गांव के लोगों को जिम्मेदार पर्यटन पर प्रशिक्षण दिया। गुवाड़ी गांव को आइसर ग्रुप की ओर से प्रमोट करने की जिम्मेदारी ली गई है। इस गांव की विश्व विख्यात पर्यटन स्थल साच पास व बैरागढ़ गांव से दूरी बहुत कम है। इस गांव के आसपास कई प्राकृतिक स्थल हैं, जो कि बेहद खूबसूरत हैं। यही कारण है कि इस गांव का महत्व बढ़ जाता है। रायल इन फील्ड के बाइकरों के हिमाचल प्रदेश के रूट में चंबा जिला को भी शामिल किया गया है। यह रूट गुवाड़ी गांव से होते हुए साचपास से पांगी के लिए निकलेगा। नीलिमा तमांग ने कहा कि जब भी पर्यटन बढ़ता है तो इसका वहां के स्थानीय लोगों को भरपूर लाभ मिलता है। लेकिन, इसके साथ-साथ संबंधित स्थान की गरिमा व प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने के लिए कई जिम्मेदारियां भी आती हैं। इसलिए सभी लोगों को जिम्मेदार पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। हितधारकों को बताया गया कि हमें पर्यटन के जरिये व्यक्तिगत विकास से सामुदायिक विकास की ओर आगे बढ़ना है। जिला चंबा में लोक संस्कृति, यहां का रहन-सहन, खान-पान, पारंपरिक व्यंजन, कला, संगीत सहित अन्य सभी धरोहरों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देना है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां का रुख करें। चंबा जिला को जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आगे बढ़ाने का सभी एक साथ प्रयास करेंगे। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उसका वे आने वाले दिनों में प्रयोग करते हुए गांव को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। यहां पर आने वाले पर्यटकों को बेहतर माहौल प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर कर्म चंद, श्रवण, परस राम, उमेश, कमल, हरि चंद, राम दियाल, मोहित, दिनेश, रजनी, कुलदीप, प्रदीप, सोनू कुमार, अजय कुमार, आशीष, प्रदीप, साहिल सहित अन्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। चुराह का गुवाड़ी गांव एक सामुदायिक आधारित गांव है। यहां के लोगों के लिए जिम्मेदार पर्यटन को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इससे पूर्व इन्हें दो दिन चंबा बुलाया था। ग्रामीणों को चंबा के विभिन्न गांवों में ले जाया गया। जहां पर इन्होंने होमस्टे सहित जिम्मेदार पर्यटन को लेकर अन्य जरूरी ज्ञान अर्जित किया। गुवाड़ी गांव के लोगों की स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करवाई गई। साथ ही उन्हें अपने गांव में जिम्मेदार पर्यटन को लेकर कार्य करने केक टिप्स दिए गए। उन्होंने बताया कि आइसर ग्रुप ने गांव को प्रमोट करने की जिम्मेदारी ली है। रायल इनफील्ड के बाइकर के पसंदीदा रूट में गुवाड़ी गांव को भी शामिल किया गया है।मनुज शर्मा, सह-संस्थापक नाट आन मैप संस्था।
चम्बा ,17 दिसंबर ! जिला चम्बा के चुराह क्षेत्र के तहत आने वाले गुवाड़ी गांव को सामुदायिक आधारित गांव बनाने को लेकर रविवार को जिम्मेदार पर्यटन को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला नाट आन मैप तथा एसोसिएशन फार द कंजरवेशन एंड टूरिज्म(एक्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। इस दौरान एक्ट संस्था की ओर से नीलिमा तमांग व विशाल गुरूंग ने गुवाड़ी गांव के लोगों को जिम्मेदार पर्यटन पर प्रशिक्षण दिया। गुवाड़ी गांव को आइसर ग्रुप की ओर से प्रमोट करने की जिम्मेदारी ली गई है। इस गांव की विश्व विख्यात पर्यटन स्थल साच पास व बैरागढ़ गांव से दूरी बहुत कम है।
इस गांव के आसपास कई प्राकृतिक स्थल हैं, जो कि बेहद खूबसूरत हैं। यही कारण है कि इस गांव का महत्व बढ़ जाता है। रायल इन फील्ड के बाइकरों के हिमाचल प्रदेश के रूट में चंबा जिला को भी शामिल किया गया है। यह रूट गुवाड़ी गांव से होते हुए साचपास से पांगी के लिए निकलेगा। नीलिमा तमांग ने कहा कि जब भी पर्यटन बढ़ता है तो इसका वहां के स्थानीय लोगों को भरपूर लाभ मिलता है। लेकिन, इसके साथ-साथ संबंधित स्थान की गरिमा व प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने के लिए कई जिम्मेदारियां भी आती हैं।
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इसलिए सभी लोगों को जिम्मेदार पर्यटन की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। हितधारकों को बताया गया कि हमें पर्यटन के जरिये व्यक्तिगत विकास से सामुदायिक विकास की ओर आगे बढ़ना है। जिला चंबा में लोक संस्कृति, यहां का रहन-सहन, खान-पान, पारंपरिक व्यंजन, कला, संगीत सहित अन्य सभी धरोहरों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देना है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां का रुख करें। चंबा जिला को जिम्मेदार पर्यटन के माध्यम से आगे बढ़ाने का सभी एक साथ प्रयास करेंगे। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें जो प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उसका वे आने वाले दिनों में प्रयोग करते हुए गांव को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। यहां पर आने वाले पर्यटकों को बेहतर माहौल प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर कर्म चंद, श्रवण, परस राम, उमेश, कमल, हरि चंद, राम दियाल, मोहित, दिनेश, रजनी, कुलदीप, प्रदीप, सोनू कुमार, अजय कुमार, आशीष, प्रदीप, साहिल सहित अन्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
चुराह का गुवाड़ी गांव एक सामुदायिक आधारित गांव है। यहां के लोगों के लिए जिम्मेदार पर्यटन को लेकर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इससे पूर्व इन्हें दो दिन चंबा बुलाया था। ग्रामीणों को चंबा के विभिन्न गांवों में ले जाया गया।
जहां पर इन्होंने होमस्टे सहित जिम्मेदार पर्यटन को लेकर अन्य जरूरी ज्ञान अर्जित किया। गुवाड़ी गांव के लोगों की स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करवाई गई। साथ ही उन्हें अपने गांव में जिम्मेदार पर्यटन को लेकर कार्य करने केक टिप्स दिए गए। उन्होंने बताया कि आइसर ग्रुप ने गांव को प्रमोट करने की जिम्मेदारी ली है। रायल इनफील्ड के बाइकर के पसंदीदा रूट में गुवाड़ी गांव को भी शामिल किया गया है।मनुज शर्मा, सह-संस्थापक नाट आन मैप संस्था।
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