- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ! चम्बा जिला की भटियात विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली शिखा जिसने एचएएस की परीक्षा को पास करते हुए हिमाचल प्रदेश में चौथा स्थान हासिल कर समूचे चम्बा जिला का नाम रोशन किया है। आज जैसे ही वह अपने ककीरा के छोटे से गांव मनमुई पहुंची तो घर के लोगों के साथ वहा के ग्रामीण लोगो ने अपने गांव की बेटी शिखा का फूल मालाओं और मिठाई खिलाकर जोरदार स्वागत किया। बताते चले की माध्यम वर्ग के इस परिवार में शिखा की अन्य 6 बहने और भी है और पिता जोकि कुछ समय पहले सेना में बतौर कैप्टन से सेवानिवृत हुए है और माता गृहणी है , इस कामयाबी का श्रेय वह अपने पिता को दे रही है। आज वह इतनी खुश है कि पिता के गले से लगकर फ़बक उठी। गांव वाले भी इस ख़ुशी में उनके घर में पहुंचे और फूल मालाओं से शिखा का स्वागत किया। इस मोके पर शिखा के पिता लिंजो राम जोकि सेना से बतौर कैप्टन अपनी सेवाएं देश के लिए दे चुके है उन्होंने भी इस ख़ुशी के मोके पर रोन्धे गले से कहा कि हमारी बेटी ने बहुत मेहनत की है और आज हमे बहुत ख़ुशी हो रही है कि उसने कड़ी मेहनत से इस शिखर को पाया है और अब यह देश की सेवा कर सकेगी। इस बारे शिखा से जब यह पूछा की आप इसका श्रेय किसको देना चाहती है तो शिखा का कहना था कि वह इसका सारा श्रेय अपने पिता को देना चाहती है क्योंकि उन्होने मुझे एक बेटे की तरह मेरी परवरिश की है और हर स्थिति में मेरा साथ दिया है। उन्होंने इसके साथ अपने परिवार का भी धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने भी मेरा हर जगह पे साथ दिया है।
चम्बा ! चम्बा जिला की भटियात विधानसभा क्षेत्र की रहने वाली शिखा जिसने एचएएस की परीक्षा को पास करते हुए हिमाचल प्रदेश में चौथा स्थान हासिल कर समूचे चम्बा जिला का नाम रोशन किया है। आज जैसे ही वह अपने ककीरा के छोटे से गांव मनमुई पहुंची तो घर के लोगों के साथ वहा के ग्रामीण लोगो ने अपने गांव की बेटी शिखा का फूल मालाओं और मिठाई खिलाकर जोरदार स्वागत किया।
बताते चले की माध्यम वर्ग के इस परिवार में शिखा की अन्य 6 बहने और भी है और पिता जोकि कुछ समय पहले सेना में बतौर कैप्टन से सेवानिवृत हुए है और माता गृहणी है , इस कामयाबी का श्रेय वह अपने पिता को दे रही है। आज वह इतनी खुश है कि पिता के गले से लगकर फ़बक उठी। गांव वाले भी इस ख़ुशी में उनके घर में पहुंचे और फूल मालाओं से शिखा का स्वागत किया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इस मोके पर शिखा के पिता लिंजो राम जोकि सेना से बतौर कैप्टन अपनी सेवाएं देश के लिए दे चुके है उन्होंने भी इस ख़ुशी के मोके पर रोन्धे गले से कहा कि हमारी बेटी ने बहुत मेहनत की है और आज हमे बहुत ख़ुशी हो रही है कि उसने कड़ी मेहनत से इस शिखर को पाया है और अब यह देश की सेवा कर सकेगी।
इस बारे शिखा से जब यह पूछा की आप इसका श्रेय किसको देना चाहती है तो शिखा का कहना था कि वह इसका सारा श्रेय अपने पिता को देना चाहती है क्योंकि उन्होने मुझे एक बेटे की तरह मेरी परवरिश की है और हर स्थिति में मेरा साथ दिया है। उन्होंने इसके साथ अपने परिवार का भी धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने भी मेरा हर जगह पे साथ दिया है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -