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चम्बा ! खंड कियानी में एनपीएस कार्यकारिणी की बैठक हुई ।बैठक में मुख्यमंत्री महोदय एवम भटियात विधायक एवं मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली के लिए चुनाव लड़ने के बयान पर कड़ी आलोचना की गई। जिला अध्यक्ष सुनील जरयाल ने बताया कि संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसे बयान देना लोकतंत्र की हत्या के समान है और माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवम मुख्य सचेतक महोदय को इसके लिए कर्मचारियों से माफ़ी मांगनी चाहिये। सुनील जरयाल ने बताया कि कल को क्या कहेंगे कि इलाज अच्छा चाहिये तो चुनाव लड़ो, अपने हक चाहिये तो चुनाव लड़ो ऐसी बातों से सरकार अपनी नाकामी छुपा रही है लेकिन कर्मचारी और आम जनता सब जानती है। जरयाल ने बताया कि शायद मुख्यमंत्री महोदय भूल चुके हैं की पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी पूर्व आयुर्वेद मंत्री मोहनलाल जी पूर्व विधायक चुराह सुरेंद्र कुमार भारद्वाज जी प्रोफेसर नंद कुमार चौहान जी पूर्व शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान जी और वर्तमान सरकार में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी सरकारी कर्मचारी ही थे या सरकारी कर्मचारी ही रहे हैं माननीय मुख्यमंत्री अपने बयान को एक बार फिर से जांच परख लें क्योंकि कर्मचारी पहले भी विधानसभाओं में पहुंचे हैं और ऐसा ना हो कि उनके यह बोल ही उन पर भारी पड़ जाए। 3 मार्च शिमला विधानसभा घेराव के दौरान कर्मचारियों ने दिखा दिया है कि उनकी पेंशन बहाली के बिना सत्ता की राह हिमाचल में आसान नहीं है । हर विधानसभा में हैं 2000 से अधिक एनपीएस कर्मचारी जो बदल देंगे सारे समीकरण इसीलिए वक़्त रहते ओपीएस की बहाली करे प्रदेश सरकार । पश्चिम बंगाल में तो ओपीएस कभी भी बन्द नही हुई थी लेकिन अब राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में भी हो गयी है अब पुरानी पेंशन बहाली की पहल । इसीलिए अब अन्य बातों का रोना न रोये प्रदेश सरकार । एनपीएस कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने से कोर्ट केस होने से या उनके तबादले कर देने से ओपीएस बहाली के आंदोलन को नहीं कुचला जा सकता। आज जन जन ओपीएस के पक्ष में आ चुका है । औऱ इसी कड़ी में सभी पंचायतों से ओपीएस बहाली के प्रस्ताव की प्रतिलिपियाँ प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति, राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री महोदय को भेजी जा रही हैं । ओपीएस का मुद्दा अब आम जन मानस का मुद्दा बन चुका है । 30 अप्रैल को एनपीएस कर्मचारी शहीद सुरेश गौतम को देंगे अपने अपने खंडों में अपनेअपने कार्य स्थलों पर श्रद्धांजलि और 1 मई को बिलासपुर में करेंगे पुलवामा शहीदों के लिए रक्तदान ।
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