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चम्बा ,10 अक्टूबर ! सुन्दर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में 09 अक्तूबर 2022 को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा हिन्दी प्रसिद्ध आलोचक रामविलास शर्मा के जन्मोत्सव पर कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का होटल इरावती में ऑफ लाइन आयोजन किया गया। इस सुअवसर पर कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय चम्बा के छात्रों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मे माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करने के बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाने से पहले हिन्दी के मशहूर कथाकार शेखर जोशी जिन्होंने अपने रचित साहित्य में पहाड़ की पीड़ा तथा श्रमिकों के जीवन को जीवन्त रखा है। के निधन पर उनके साहित्य सृजन को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। तदुपरांत मंच के अध्यक्ष शरत् शर्मा ने रामविलास शर्मा का संक्षिप्त व्यक्तित्व एवं कृतित्व पढ़ा तथा उनके काव्य का विश्लेषण भी किया। इसके पश्चात सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओ से सभी को भावविभोर किया। कार्यक्रम की शुरूआत वरिष्ठ कवि भूपेंद्र जसरोटिया द्वारा की गई। जसरोटिया ने "शब्द बोलते हैं" कविता द्वारा शब्दों के महत्व को उजागर किया। इसके साथ उन्होंने चंब्याली कविता 'मैं रहिय गेया' का पाठ करके सभी को आकर्षित किया। कवयित्री रेखा गक्खड ने "दूर ब्याही बेटियां" कविता द्वारा बेटियों की मनःस्थिति का मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया। कला सृजन पाठशाला के महासचिव तथा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने "एक अरसे बाद" कविता द्वारा शिमला शहर की सुन्दरता पर समा बान्धा। शरत् शर्मा ने 'एक शहर का चेहरा' कविता का पाठ करके सभी को मंत्रमुग्ध किया। अपनी स्वरचित कविता के बाद उन्होंने कवि कुमार कृष्ण की कविता 'गर्म कोट' कविता का पाठ करके सभी में साहित्यिक गर्मजोशी भर दी।डॉ. सन्तोष कुमार ने रामविलास शर्मा पर एक शोधपरक लेख पढ़ा जिसमें रामविलास शर्मा द्वारा लिखित 'निराला की साहित्य साधना' तथा 'अपनी धरती अपने लोग' को केंद्र में रखा। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक बालकृष्ण पराशर ने प्रबन्धन को मुद्दत बाद ऑफ लाइन आयोजन करने के लिए बधाई भी दी और भविष्य में इस प्रकार के आयोजन को निरन्तर करते रहने का मशविरा भी दिया के साथ प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार ने अपनी त्वरित टिप्पणियों के साथ किया।अंत में पाठशाला के अध्यक्ष शरत शर्मा ने सभी रचनाओं का विश्लेषण करके अपना समापन वक्तव्य दिया। इस आयोजन में भूपेन्द्र भूप्पी, शेर सिंह, काकू राम आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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