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चम्बा ! सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा माखन लाल चतुर्वेदी जयंती के उपलक्ष्य पर सत्र-26 के अन्तर्गत कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को शुरू करने से पहले कला सृजन पाठशाला के सभी उपस्थित सदस्यों ने 17 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए कालजयी कृति तोड़ो कारा तोड़ो के रचनाकार नरेन्द्र कोहली, 24 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए हिमाचल अकादमी द्वारा पुरस्कृत पड़ाव(उपन्यास) व कवच(कहानी-संग्रह) महत्वपूर्ण पुस्तकों के रचयिता ग्याणा गाँव, अर्की, सोलन के बद्रीसिंह भाटिया तथा 24 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए उपन्यास, कहानी, निबन्ध, के रचनाकार रमेश उपाध्याय तीनों साहित्यकारों के निधन पर एक मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उनके साहित्यिक योगदान को भी स्मरण किया गया कि भावी पीढ़ी उनके साहित्य से हमेशा मार्गदर्शन प्राप्त करती रहेगी। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ अन्य राज्यों से जुड़े कवियों तथा लेखकों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पाठशाला के अध्यक्ष शरत् शर्मा के स्वागत वक्तव्य तथा माखनलाल चतुर्वेदी के परिचय के साथ हुआ। तदुपरांत सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं से सभी को भावविभोर किया। इस अवसर पर भूपेन्द्र सिंह जसरोटिया ने 'कुण हूंगा ए मिस्त्री' तथा' शब्द कहाँ ठहर पाते हैं' कविता से भावों की महता पर प्रकाश डाला तथा चंब्याली रैप 'चुल्ही-चुल्ही मुण्ड नी देणा, कोरोना हल्ले हण्डदा रहणा ' गाकर सभी को संदेश दिया। शरत् शर्मा ने अपनी कविता 'एक शहर का चेहरा', वह कौन थी, तथा 'कुत्तू-कुत्ता' द्वारा सभी को मंत्र मुग्ध किया। राजकीय महाविद्यालय चम्बा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष तथा पाठशाला के महासचिव डॉ. संतोष कुमार ने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता 'कैदी और कोकिल " का पाठ किया। डॉ संतोष कुमार ने अपनी मर्मस्पर्शी कविता " मुझे याद है " सुना कर सभी की आंखों को नम करते हुए हृदय को पसीज दिया। शिक्षिका रेखा रश्मि गक्खड़ ने अपनी कविताओं की शुरुआत माँ शारदा की स्तुति से की। इसके बाद उन्होंने श्रृंगार रस की कविताओं का पाठ किया। देविदत्त मालवीय की 'माँ' कविता ने सभी का मन मोह लिया तथा 'लयमुक्त तेरे छंद को गाना चाहता हूँ नारी के सम्मान में' गा कर सबका मन जीत लिया के साथ अपनी कविताओं में भाईचारे का संदेश दिया। कवि हेमराज ने ' कोरोना में कोयल बेरोजगार हो गयी' संदेशपरक कविता पढ़ी। मीनाक्षी टंडन ने ' प्रकृति और मैं' तथा " मानव का विचित्र रूप " द्वारा प्रकृति चित्रण किया। कविता शर्मा ने बेटियाँ कविता द्वारा बेटियों की दास्तान द्वारा दिल को झकझोर दिया। सपना भारद्वाज ने 'प्यारे भारत देश' कविता का पाठ किया।
चम्बा ! सुंदर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में को 'कला सृजन पाठशाला' द्वारा माखन लाल चतुर्वेदी जयंती के उपलक्ष्य पर सत्र-26 के अन्तर्गत कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को शुरू करने से पहले कला सृजन पाठशाला के सभी उपस्थित सदस्यों ने 17 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए कालजयी कृति तोड़ो कारा तोड़ो के रचनाकार नरेन्द्र कोहली, 24 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए हिमाचल अकादमी द्वारा पुरस्कृत पड़ाव(उपन्यास) व कवच(कहानी-संग्रह) महत्वपूर्ण पुस्तकों के रचयिता ग्याणा गाँव, अर्की, सोलन के बद्रीसिंह भाटिया तथा 24 अप्रैल 2021 को दिवंगत हुए उपन्यास, कहानी, निबन्ध, के रचनाकार रमेश उपाध्याय तीनों साहित्यकारों के निधन पर एक मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उनके साहित्यिक योगदान को भी स्मरण किया गया कि भावी पीढ़ी उनके साहित्य से हमेशा मार्गदर्शन प्राप्त करती रहेगी।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कला सृजन पाठशाला के सदस्यों के साथ-साथ अन्य राज्यों से जुड़े कवियों तथा लेखकों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पाठशाला के अध्यक्ष शरत् शर्मा के स्वागत वक्तव्य तथा माखनलाल चतुर्वेदी के परिचय के साथ हुआ। तदुपरांत सभी कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं से सभी को भावविभोर किया। इस अवसर पर भूपेन्द्र सिंह जसरोटिया ने 'कुण हूंगा ए मिस्त्री' तथा' शब्द कहाँ ठहर पाते हैं' कविता से भावों की महता पर प्रकाश डाला तथा चंब्याली रैप 'चुल्ही-चुल्ही मुण्ड नी देणा, कोरोना हल्ले हण्डदा रहणा ' गाकर सभी को संदेश दिया। शरत् शर्मा ने अपनी कविता 'एक शहर का चेहरा', वह कौन थी, तथा 'कुत्तू-कुत्ता' द्वारा सभी को मंत्र मुग्ध किया।
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राजकीय महाविद्यालय चम्बा के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष तथा पाठशाला के महासचिव डॉ. संतोष कुमार ने माखनलाल चतुर्वेदी की कविता 'कैदी और कोकिल " का पाठ किया। डॉ संतोष कुमार ने अपनी मर्मस्पर्शी कविता " मुझे याद है " सुना कर सभी की आंखों को नम करते हुए हृदय को पसीज दिया। शिक्षिका रेखा रश्मि गक्खड़ ने अपनी कविताओं की शुरुआत माँ शारदा की स्तुति से की।
इसके बाद उन्होंने श्रृंगार रस की कविताओं का पाठ किया। देविदत्त मालवीय की 'माँ' कविता ने सभी का मन मोह लिया तथा 'लयमुक्त तेरे छंद को गाना चाहता हूँ नारी के सम्मान में' गा कर सबका मन जीत लिया के साथ अपनी कविताओं में भाईचारे का संदेश दिया। कवि हेमराज ने ' कोरोना में कोयल बेरोजगार हो गयी' संदेशपरक कविता पढ़ी। मीनाक्षी टंडन ने ' प्रकृति और मैं' तथा " मानव का विचित्र रूप " द्वारा प्रकृति चित्रण किया। कविता शर्मा ने बेटियाँ कविता द्वारा बेटियों की दास्तान द्वारा दिल को झकझोर दिया। सपना भारद्वाज ने 'प्यारे भारत देश' कविता का पाठ किया।
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