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चम्बा , 18 मार्च [ सुभाष महाजन ] ! एससी - एसटी समुदाय से जुड़े प्रतिनिधिमंडल ने अपनी इस मांग को लेकर एसडीएम चम्बा अरुण कुमार शर्मा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन से अवगत करवाते हुए अम्बेडकर मिशन सोसायटी चम्बा के अध्यक्ष शिवकरण चंद्रा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011 में अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात में 25% के लगभग प्रस्तावित थी। लेकिन यह राशि संबंधित वर्ग के विकास की प्राथमिकताओं पर खर्च नहीं हो पाई। इसके विपरीत, पिछले 5 सालों में, इस उप योजना के तहत बजट प्रावधान मात्र 5% तक सीमित होकर रह गया है। खेद तो इस विषय का है कि आवंटित की गई 5% राशि भी सही मायने में अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च नहीं हो पा रही है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि एससी- एसटी समुदायों के विकास के हितों के मध्यनजर, हिमाचल प्रदेश में तेलंगाना राज्य की तर्ज पर अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निधि विशेष कानून बनाया जाए, और अनुसूचित जाति जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में कुल बजट का 33% प्रावधान किया जाए, ताकि यह निर्धारित राशि संबंधित वर्गों के सामाजिक - आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास की प्राथमिकताओं के आधार पर खर्च हो सके। इस अवसर पर जितेश्वर सूर्या, जितेन्द्र सूर्या, के एल शाह, प्रीतम चंद रैणा, मदन चंद्रा, अरुण डालिया, करण रैणा आदि मौजूद रहे।
चम्बा , 18 मार्च [ सुभाष महाजन ] ! एससी - एसटी समुदाय से जुड़े प्रतिनिधिमंडल ने अपनी इस मांग को लेकर एसडीएम चम्बा अरुण कुमार शर्मा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन से अवगत करवाते हुए अम्बेडकर मिशन सोसायटी चम्बा के अध्यक्ष शिवकरण चंद्रा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011 में अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात में 25% के लगभग प्रस्तावित थी। लेकिन यह राशि संबंधित वर्ग के विकास की प्राथमिकताओं पर खर्च नहीं हो पाई।
इसके विपरीत, पिछले 5 सालों में, इस उप योजना के तहत बजट प्रावधान मात्र 5% तक सीमित होकर रह गया है। खेद तो इस विषय का है कि आवंटित की गई 5% राशि भी सही मायने में अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च नहीं हो पा रही है।
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उन्होंने मांग करते हुए कहा कि एससी- एसटी समुदायों के विकास के हितों के मध्यनजर, हिमाचल प्रदेश में तेलंगाना राज्य की तर्ज पर अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निधि विशेष कानून बनाया जाए, और अनुसूचित जाति जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में कुल बजट का 33% प्रावधान किया जाए, ताकि यह निर्धारित राशि संबंधित वर्गों के सामाजिक - आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास की प्राथमिकताओं के आधार पर खर्च हो सके।
इस अवसर पर जितेश्वर सूर्या, जितेन्द्र सूर्या, के एल शाह, प्रीतम चंद रैणा, मदन चंद्रा, अरुण डालिया, करण रैणा आदि मौजूद रहे।
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