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चम्बा ! ये लीजिये माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी 2909.5 करोड़ से ज्यादा है सरकार का हिस्सा इस 5819 करोड़ में। अब आप जल्द इसको वापिस लायें। 2000 करोड़ से पुरानी पेंडिंग लायबिलिटी क्लियर कीजिये 500 करोड इस वर्ष के लिए पेंशन देने के लिए और जो 400 करोड और बच गया उसको विकास कार्यों पर करें खर्च । और साथ ही 1200 करोड जो हर साल जाना था जिसमे 700 करोड़ सरकारी हिस्सा जाना था वो भी रुकेगा औऱ उस से आप अगले वर्ष की पेंशन का 500 करोड़ एडवांस में कोष में रख सकते हैं । औऱ एक बात जो 200 करोड होंगे वो फिर से विकास कार्य पर खर्च करें । इतना पैसा है फिर भी ओल्ड पेंशन बहाल नहीं करेंगे तो विपक्ष तो घेरेगा ही और हम तो वैसे भी गणना करवा के एक एक पैसा दिखा रहे इसीलिए सभी विधायक भी देख लें। अगर हमारी बात नहीं पहुँच रही तो आप पहुँचा दें । क्योंकि 5,6 महीनों बाद वोट माँगने आएंगे सभी विधायक फिर मत कहना कि हमारे पास बजट नहीं था । हम तो एक पैसा भी नया लगाने को नहीं बोल रहे । जब एक रुपया भी नया नहीं लगेगा ओल्ड पेंशन बहाल करने के लिए तो फिर अड़चन कहाँ है । जिला अध्यक्ष ने आरटीआई की कॉपी के साथ किए जा ये विधायक मंत्री और अन्य पार्टी के वरिष्ठ सदस्य फेसबुक पोस्ट पर टैग पवन नैय्यर, डीएस ठाकुर, बिक्रम जरयाल, जय सिंह, जिया लाल कपूर, हंस राज, सीएमओ हिमाचल, जयराम ठाकुर, राकेश पठानिया, महिंद्र सिंह ठाकुर,सरवीण चौधरी, मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी,सुखविंदर सुखु, अनुराग ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार । सुनील जरयाल ने बताया कि 11 दिसंबर को जब धर्मशाला रैली में 32 सदस्यीय डेलीगेशन को माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने मिलने बुलाया था उस समय भी एनपीएस के राज्य अध्यक्ष ने सभी जिला अध्यक्षों की उपस्थिति में साथ ही साथ मुख्य सचिव श्री राम सुभाग सिंह जी , एसीएस श्री जेसी शर्मा जी, फाइनेंस सचिव श्री प्रबोध जी और अन्य राज्य सरकार के पदाधिकारियों के समक्ष ये आंकड़ा प्रस्तुत किया था और अब आरटीआई के बाद पूर्ण आकंड़ा सामने आया है जोकि 5819 करोड़ है जोकि एक बहुत बड़ी धनराशि है और राज्य सरकार के काम आ सकती है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि सरकार की जो भी मजबूरी हो , एमओयू की जो भी शर्तें हों उनसे कर्मचारियों को कोई लेना देना नहीं है उन्हें केवल अपनी पुरानी पेंशन चाहिए जिसके लिए सरकार बजट का रोना रोती थी । जितना पैसा एनएसडीएल कम्पनी के पास है जितना शीघ्र सरकार वो पैसा वापिस लाती है ओल्ड पेंशन उतनी जल्दी बहाल होगी। और प्रदेश के 1,20,000 एनपीएस परिवार सरकार के मिशन रिपीट में सहायक बनेंगे । अब मुख्यमंत्री महोदय स्वयं निर्णय लें कि पेंशन वो बहाल करके फिर से सत्ता पक्ष में बैठना है या न बहाल करके विपक्ष में । जिलाध्यक्ष ने बताया कि अब तो विपक्ष भी अपनी की हुई भूल को सुधारना चाहता है कि जो गलती 2003 में कांग्रेस ने की थी प्रथम आने के चक्कर मे वो उसको सुधार सकें और ओपीएस बहाल करने के मुद्दे पर सत्ता हासिल कर सकें । जरयाल ने बताया कि जब पूरे भारत वर्ष में ओपीएस थी तो हिमाचल सरकार ने पूरे देश की परवाह न करते हुए 7 माह पहले प्रथम आते हुए एनपीएस लागू की थी उस समय तो प्रदेश सरकार ने ये इंतजार नहीं किया था कि अन्य राज्य पहल करेंगे तो ही हिमाचल भी उनके बाद करेगा उस समय जब किसी को नहीं देखा और अन्य राज्यों या केंद्रीय कर्मचारियों से पहले ही हिमाचल में ओपीएस को बंद करके एनपीएस को शुरू किया गया था तो अब ये बहाना क्यों कि अन्य राज्य भी एनपीएस दे रहे । आज भी प्रथम आएं और सबसे पहले ओपीएस बहाल करें ।
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