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चम्बा , 09 दिसंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार बेहतर शिक्षा नीति को लेकर कई तरह के प्रयास कर रही हो, परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। आज भी जिला चम्बा के कई स्कूल ऐसे हैं जो अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं । ऐसे में स्कूली बच्चों का भविष्य क्या हो सकता है इस स्कूल को देखने के बाद पता चल सकता है। आज हम चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली चुराह विधानसभा क्षेत्र के एक ऐसे स्कूल की वास्तविकता से रूबरू करवाने जा रहे है जिसको देखने वा सुनने के बाद हर कोई दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जायेगा। जी हां हम बात कर रहे है चुराह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले एक ऐसे स्कूल की जिसमे एक अध्यापक करीब 125,से लेकर 130, छोटे छोटे बच्चों को शिक्षा देता है वह भी अकेले है न हैरान करने वाली बात। और अगर स्कूल की बात करे तो इस स्कूल की हालत इतनी जर जर हो चुकी है कि कभी भी यह स्कूल ध्रसाही हो सकता है। यह बात हम नही कह रहे है बल्कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत करेरी के स्थानीय लोग बता रहे है। इन लोगों का कहना है कि इस पंचायत के राजकीय प्राथमिक पाठशाला चनहान है जिसमे ग्राम पंचायत करेरी के 125, से लेकर 130, छोटे छोटे नौनिहाल बच्चे प्राथमिक पाठशाला में पढ़ाई करने रोजाना स्कूल में आते है और इन सब बच्चो को एक ही अध्यापक शिक्षा दे रहा है और यह सिलसिला पिछले एक वर्ष से बदस्तूर इसी तरह से जारी है। हालंकि इस स्कूल में अध्यापकों की संख्या को बढ़ाया जाए इस पंचायत के लोगों ने कई मर्तवा जिला स्कूल प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों से बात की पर समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। आपको जानकर यह भी हैरानी होगी कि इस जाड़े की सर्दी में इन छोटे छोटे बच्चो को बैठने तक के लिए टाट नहीं है यह बच्चे ठंडी धरती पर ही बैठकर हल्की धूप में पढ़ाई करके अपने अपने घरों को लोट जाते है। वास्तविकता को झंजोडती यह तस्वीरे जिनका स्रोताज सीधे सीधे उन गरीब परिवारों और उनके बच्चों से जुड़ा हुआ है जोकि अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते है पर सरकार और शिक्षा प्रशासन की बेरुखी के चलते आज भी इनसे गुहार लगा रहे है कि हमारे बच्चे जैसे तैसे पढ़ाई तो कर लेंगे पर उनको पढ़ाने हमारे स्कूल में कुछ एक और अध्यापक तो भेज दो। अभी भी यह लोग सरकार से गुहार लगा रहे है।
चम्बा , 09 दिसंबर [ शिवानी ] ! हिमाचल प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार बेहतर शिक्षा नीति को लेकर कई तरह के प्रयास कर रही हो, परंतु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। आज भी जिला चम्बा के कई स्कूल ऐसे हैं जो अपनी बदहाली के आंसू बहा रहे हैं । ऐसे में स्कूली बच्चों का भविष्य क्या हो सकता है इस स्कूल को देखने के बाद पता चल सकता है।
आज हम चम्बा जिले के अंतर्गत पड़ने वाली चुराह विधानसभा क्षेत्र के एक ऐसे स्कूल की वास्तविकता से रूबरू करवाने जा रहे है जिसको देखने वा सुनने के बाद हर कोई दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जायेगा। जी हां हम बात कर रहे है चुराह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले एक ऐसे स्कूल की जिसमे एक अध्यापक करीब 125,से लेकर 130, छोटे छोटे बच्चों को शिक्षा देता है वह भी अकेले है न हैरान करने वाली बात। और अगर स्कूल की बात करे तो इस स्कूल की हालत इतनी जर जर हो चुकी है कि कभी भी यह स्कूल ध्रसाही हो सकता है। यह बात हम नही कह रहे है बल्कि चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत करेरी के स्थानीय लोग बता रहे है।
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इन लोगों का कहना है कि इस पंचायत के राजकीय प्राथमिक पाठशाला चनहान है जिसमे ग्राम पंचायत करेरी के 125, से लेकर 130, छोटे छोटे नौनिहाल बच्चे प्राथमिक पाठशाला में पढ़ाई करने रोजाना स्कूल में आते है और इन सब बच्चो को एक ही अध्यापक शिक्षा दे रहा है और यह सिलसिला पिछले एक वर्ष से बदस्तूर इसी तरह से जारी है। हालंकि इस स्कूल में अध्यापकों की संख्या को बढ़ाया जाए इस पंचायत के लोगों ने कई मर्तवा जिला स्कूल प्रशासन और सरकार के नुमाइंदों से बात की पर समस्या का कोई समाधान नहीं हो पाया है। आपको जानकर यह भी हैरानी होगी कि इस जाड़े की सर्दी में इन छोटे छोटे बच्चो को बैठने तक के लिए टाट नहीं है यह बच्चे ठंडी धरती पर ही बैठकर हल्की धूप में पढ़ाई करके अपने अपने घरों को लोट जाते है।
वास्तविकता को झंजोडती यह तस्वीरे जिनका स्रोताज सीधे सीधे उन गरीब परिवारों और उनके बच्चों से जुड़ा हुआ है जोकि अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते है पर सरकार और शिक्षा प्रशासन की बेरुखी के चलते आज भी इनसे गुहार लगा रहे है कि हमारे बच्चे जैसे तैसे पढ़ाई तो कर लेंगे पर उनको पढ़ाने हमारे स्कूल में कुछ एक और अध्यापक तो भेज दो। अभी भी यह लोग सरकार से गुहार लगा रहे है।
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