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चम्बा ! उपायुक्त डीसी राणा ने आज बचत भवन में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की , हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय भूकंप प्रतिरोधी निर्माण पर आधारित प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, राष्ट्रीय उच्च मार्ग, ग्रामीण विकास , समग्र शिक्षा अभियान, नगर परिषद व नगर पंचायतों के अभियंताओं ने भाग लिया । इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि विभिन्न निर्माण कार्यों में भूकंप रोधी तकनीक का इस्तेमाल करने के साथ-साथ निर्माण की उच्च गुणवत्ता को भी सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि निर्माण स्थल पर अलग-अलग लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है । इसलिए अभियंताओं को निर्माण कार्यों को जन सहभागिता बनाने के साथ डिजाइन के अनुरूप सभी आधारभूत वस्तुओं की उचित मात्रा और उनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित बनाई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द अभियंताओं को भूकंप रोधी बनाए जा रहे निर्माण स्थलों पर ले जाकर भी प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर स्थानीय मिस्त्री ही सब कुछ तय करते हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में भूकंप रोधी तकनीक के समावेश के लिए जल्द जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से मिस्त्रीयों की ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे। डीसी राणा ने सभी अभियंताओं से इस प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान प्राप्त की गई जानकारी का समुचित सदुपयोग सुनिश्चित बनाने का भी आह्वान किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ अजय चौरसिया, वैज्ञानिक इंजीनियर आशीष पीपल, सेवानिवृत्त प्रधान तकनीकी अधिकारी इंजीनियर एचके जैन ने अभियंताओं को महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कार्यशाला में मुख्य वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की एसके नेगी, प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद डॉ एसएस रंधावा भी मौजूद रहे।
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