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चम्बा ! जिले के अंतर्गत पड़ने वाली पंचायत सपरोट तहसील चुराह के रहने वाले गरीब परिवार जिसका की खुद का 10, प्राणी परिवार संयुक्त रूप से रहता है और यह सभी लोग आईआरडीपी में आते है। पर गरीबी की मार झेल रहे इस परिवार का नाम अब आईआरडीपी से इसलिए काट दिया गया है, कि उस गरीब परिवार के लोगों ने पंचायती चुनावों में उनकी मदद नहीं की थी। यह आरोप उस परिवार के मुखिया ने एक लिखित शिकायत पत्र में लगाए है। अब यह दस प्राणी परिवार अपनी इस फरियाद को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष जय सिंह कीअगुवाई में एसडीएम चम्बा से आकर मिला और इसकी विस्तृत जानकारी इस परिवार के मुखिया के साथ आए एसटी,एससी, निगम के प्रदेश उपाध्यक्ष जय सिंह ने इस मामले की पैरवी करते हुए कहा कि यह यह 10, प्राणी परिवार संयुक्त रूप से एक ही घर में रहता है तथा यह परिवार शुरू से ही आईआरडीपी की श्रेणी में आता है। एसडीएम चम्बा को दिए गए इस शिकायत पत्र में उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पंचायत प्रधान जोकि खुद नही है अपितु उसकी पत्नी है और सारे पंचायत के काम महिला प्रधान न करके उसका घरवाला ही करता है और उस व्यक्ति वा पंचायत सचिव की मिली भग्ती के चलते इस परिवार का नाम इसलिए आईआरडीपी से काट दिया की पीछे हुए पंचायत चुनावों में उन्होंने उसकी मदद न करके किसी दूसरे की मदद की थी। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त पंचायत प्रधान का पति हम लोगों को डरा रहा है और यह भी कह रहा है कि मैने जो करना था वह कर दिया है और आप लोगों ने जो करना है कर लो मैं किसी से नहीं डरता हूं। अब यह लोग उपमंडल जिला दंडाधिकारी (न) से इसकी जांच करवाने की मांग कर रहे है कि क्या वजह रही की पंचायत प्रधान ने उनका नाम आईआरडीपी से काट दिया गया है।
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