- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , 30 नवंबर [ शिवानी ] ! उपमंडल चुराह के नकरोड में लोगों ने अपने आशियाने कई सालों से टीका रखे थे जिनको आज वह खुद तोड़फोड़ करके उखाड़े जा रहे हैं। यहां पर करीब 500 परिवारों का पालन पोषण हो रहा था जिसमें गरीब लोग अपनी आजीविका कमा रहे थे। लेकिन शासन व प्रशासन ने उन्हें इस कदर मजबूर कर दिया कि उन्हें अपने घरों और दुकानों पर खुद हथोड़ा चलाना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इस नकरोड मार्केट में लगभग 40 सालों से अपने साधन चलाए हुए थे। सरकार की अनदेखी कहे या लापरवाही जिसका खामियाजा आज भोली भाली जनता को झेलना पड़ रहा है। यहां पर लगभग 100 से ज्यादा दुकाने लगी है जो पूरी तरह तहस-नहस होकर आने वाले समय के लिए एक भयानक रूप भी धारण कर सकती है क्योंकि बेरोजगारी के चलते इन सभी परिवारों के सदस्य सरकारी कर्मचारी न होने के कारण अपने परिवार का पालन पोषण इसी मार्कीट के माध्यम से दुकानदारी करके करते थे। इसमें लोगों का कहना है हम लोगों को अगर यहां से निकाल दिया जाता है तो बेरोजगारी की बढ़ती मार जो सालो से झेल रहे है उनके लिए सरकार कोई रोजगार मुहैया करवाए। नही तो यहां पर बनी दुकानों का प्रशासन मुआवजा भी ले तो हम सब लोग देने के लिए तैयार है। आजादी के 70 साल बीत जाने के बावजूद भी आज यह दिख रहा है की चुराह आज भी उसी गुलामी की बेड़ियों में बंधा हुआ है जिन बेड़ियों में भारत को अंग्रेजों ने जकड़ कर रखा था। जिसका जीता जागता सबूत आज के समय नकरोड, शिकारी, कलोनी मोड़ मार्केट मैं दिख रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हमारे साथ इसी तरह दुर्व्यवहार होता रहा तो हम अपने परिवार सहित अपनी जीवन लीला समाप्त कर देंगे। जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा क्योंकि आज तक न तो हमारी सुध जिला प्रशासन ने ली और न ही मंडल प्रशासन ने ली। इसमें बड़े-बड़े दावे बड़े-बड़े प्रचार करने वाले नेता लोग भी आज अपनी वाणी को विराम देकर अपनी दुम दबाकर कहीं इस तरह बिल में छिपे हुए हैं जैसे उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। गरीब जनता तो सिर्फ अपने लिए दो वक्त की रोटी की गुहार ही लगाती है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि उसके मुंह से उसका निवाला भी छीन लिया जाता है। Please Submit your Opinion Poll ? [yop_poll id="6"] https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 30 नवंबर [ शिवानी ] ! उपमंडल चुराह के नकरोड में लोगों ने अपने आशियाने कई सालों से टीका रखे थे जिनको आज वह खुद तोड़फोड़ करके उखाड़े जा रहे हैं। यहां पर करीब 500 परिवारों का पालन पोषण हो रहा था जिसमें गरीब लोग अपनी आजीविका कमा रहे थे। लेकिन शासन व प्रशासन ने उन्हें इस कदर मजबूर कर दिया कि उन्हें अपने घरों और दुकानों पर खुद हथोड़ा चलाना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह इस नकरोड मार्केट में लगभग 40 सालों से अपने साधन चलाए हुए थे। सरकार की अनदेखी कहे या लापरवाही जिसका खामियाजा आज भोली भाली जनता को झेलना पड़ रहा है।
यहां पर लगभग 100 से ज्यादा दुकाने लगी है जो पूरी तरह तहस-नहस होकर आने वाले समय के लिए एक भयानक रूप भी धारण कर सकती है क्योंकि बेरोजगारी के चलते इन सभी परिवारों के सदस्य सरकारी कर्मचारी न होने के कारण अपने परिवार का पालन पोषण इसी मार्कीट के माध्यम से दुकानदारी करके करते थे।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इसमें लोगों का कहना है हम लोगों को अगर यहां से निकाल दिया जाता है तो बेरोजगारी की बढ़ती मार जो सालो से झेल रहे है उनके लिए सरकार कोई रोजगार मुहैया करवाए। नही तो यहां पर बनी दुकानों का प्रशासन मुआवजा भी ले तो हम सब लोग देने के लिए तैयार है। आजादी के 70 साल बीत जाने के बावजूद भी आज यह दिख रहा है की चुराह आज भी उसी गुलामी की बेड़ियों में बंधा हुआ है जिन बेड़ियों में भारत को अंग्रेजों ने जकड़ कर रखा था। जिसका जीता जागता सबूत आज के समय नकरोड, शिकारी, कलोनी मोड़ मार्केट मैं दिख रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हमारे साथ इसी तरह दुर्व्यवहार होता रहा तो हम अपने परिवार सहित अपनी जीवन लीला समाप्त कर देंगे। जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा क्योंकि आज तक न तो हमारी सुध जिला प्रशासन ने ली और न ही मंडल प्रशासन ने ली। इसमें बड़े-बड़े दावे बड़े-बड़े प्रचार करने वाले नेता लोग भी आज अपनी वाणी को विराम देकर अपनी दुम दबाकर कहीं इस तरह बिल में छिपे हुए हैं जैसे उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। गरीब जनता तो सिर्फ अपने लिए दो वक्त की रोटी की गुहार ही लगाती है लेकिन कभी-कभी ऐसा भी देखने को मिलता है कि उसके मुंह से उसका निवाला भी छीन लिया जाता है।
Please Submit your Opinion Poll ? [yop_poll id="6"]- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -