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चम्बा ! हिमाचल प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा की बात करती हो लेकिन सरकार के यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं। डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राजकीय महाविद्यालय सलूणी में पिछले 3 सालों से स्टाफ की कमी के चलते छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। बता दें कि उक्त डिग्री कॉलेज में प्रधानाचार्य तक का पद खाली होने से मुश्किल पेश आ रही है। उक्त डिग्री कॉलेज में तीन प्रोफेसर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जो अपने विषय की ही पढ़ाई करवा सकते हैं। राजकीय महाविद्यालय सलूणी में 325 के करीब छात्र छात्राएं बीए और बीकॉम की पढ़ाई करने के लिए आते हैं। लेकिन इस डिग्री कॉलेज में 7 प्रोफेसर के पद खाली चल रहे हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण पद अंग्रेजी प्रोफेसर के है। इसके अलावा राजनीति शास्त्र, इतिहास, म्यूजिक, ज्योग्राफी सहित 7 पद खाली है। हैरानी इस बात को लेकर होती है कि प्रदेश सरकार 4 साल पूरा होने के बाद भी ताल ठोकती नही थकती की हिमाचल प्रदेश में बेहतर शिक्षा दी जा रही है। अगर इसे बेहतर शिक्षा कहा जाता है तो अधूरी शिक्षा क्या होती है ये कह पाना मुश्किल है, एक महीने के बाद डिग्री कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के एग्जाम होने वाले हैं लेकिन स्टाफ की कमी के चलते बच्चे किस तरह से पढ़ाई करते होंगे उनकी इस मजबूरी को आप समझ सकते हैं। अगर यह कहा जाए कि सरकार छात्र-छात्राओं के सपनों को धूमिल करना चाहती है तो इसमें कोई दो राय नहीं है। 3 साल से स्टाफ की कमी को लेकर कॉलेज प्रशासन भी सरकार को अवगत करवाता रहा है कि स्टाफ की कमी को पूरा किए जाए चाहे डेपुटेशन के सहारे ही प्रोफेसर की नियुक्ति की जाए लेकिन सरकार के कान पर अभी तक जूं नहीं रेंगी है। वहीं दूसरी और राजकीय महाविद्यालय सलूणी में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र छात्राओं का कहना है कि वह पिछले 3 सालों से इस कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं लेकिन स्टाफ की कमी के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा है कि इस कॉलेज में 325 के करीब छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे है लेकिन स्टाफ की कमी के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई बार मांग भी की गई है लेकिन हर बार उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने एक बार फिर सरकार से मांग की हैं कि जल्द स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए ताकि आने वाले बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके। वहीं राजकीय महाविद्यालय सलूणी की कार्यकारी प्रधानाचार्य पिंकी देवी का कहना है कि वह समय-समय पर निदेशालय कोअवगत करवाते रहते हैं और हर बार यह कहा जाता है कि स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए। लेकिन अभी तक स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया गया है। जिसके चलते इस डिग्री कॉलेज में तीन ही प्रोफेसर सेवाएं दे रहे हैं जबकि प्रधानाचार्य सहित सात पद खाली चल रहे हैं ऐसे में सरकार से मांग करते हैं कि जल्द राजकीय महाविद्यालय सलूणी में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो सके।
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