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कुल्लू , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर जेबीटी प्रशिक्षुओं का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। तो वहीं जिला कुल्लू में भी शुक्रवार को जेबीटी प्रशिक्षुओं ने ढालपुर से लेकर खोरी रोपा तक एक रैली निकाली और शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय का भी घेराव किया। इस दौरान जेबीटी के प्रशिक्षुओं ने शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय के बाहर भी जमकर नारेबाजी की और शिक्षा विभाग पर उन्हें धोखा देने का भी आरोप लगाया। धरने प्रदर्शन में शामिल प्रशिक्षु दीक्षा, राहुल और सुनील का कहना है कि वो अपना भविष्य बनाने के लिए जेबीटी का प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के गलत फैसले के कारण अब उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। अगर शिक्षा विभाग के द्वारा कोई ऐसी अधिसूचना जारी की जानी थी तो इस बारे पहले ही उन्हें सूचित किया जाना चाहिए था ऐसे में शिक्षा विभाग भी उन्हें धोखे में रख रहा है। जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि जब जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की ओर से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं। तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे जेबीटी के लिए पात्र किया जा रहा है। वहीं हर साल लगभग 5000 से ज्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी डिग्री धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड को लाने से जेबीटी/ डीएलएड के हक को छीना जा रहा है। जहां प्रदेश में चार हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं। ऐसे में इस तरह के फैसले जेबीटी/ डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए तो बिलकुल भी राहत भरा नहीं हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 18 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर जेबीटी प्रशिक्षुओं का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। तो वहीं जिला कुल्लू में भी शुक्रवार को जेबीटी प्रशिक्षुओं ने ढालपुर से लेकर खोरी रोपा तक एक रैली निकाली और शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय का भी घेराव किया।
इस दौरान जेबीटी के प्रशिक्षुओं ने शिक्षा उप निदेशक के कार्यालय के बाहर भी जमकर नारेबाजी की और शिक्षा विभाग पर उन्हें धोखा देने का भी आरोप लगाया। धरने प्रदर्शन में शामिल प्रशिक्षु दीक्षा, राहुल और सुनील का कहना है कि वो अपना भविष्य बनाने के लिए जेबीटी का प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के गलत फैसले के कारण अब उनका भविष्य खतरे में नजर आ रहा है।
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अगर शिक्षा विभाग के द्वारा कोई ऐसी अधिसूचना जारी की जानी थी तो इस बारे पहले ही उन्हें सूचित किया जाना चाहिए था ऐसे में शिक्षा विभाग भी उन्हें धोखे में रख रहा है।
जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि जब जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की ओर से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं। तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे जेबीटी के लिए पात्र किया जा रहा है। वहीं हर साल लगभग 5000 से ज्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी डिग्री धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है।
उन्होंने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड को लाने से जेबीटी/ डीएलएड के हक को छीना जा रहा है। जहां प्रदेश में चार हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं। ऐसे में इस तरह के फैसले जेबीटी/ डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए तो बिलकुल भी राहत भरा नहीं हैं।
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