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कुल्लू , 03 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विश्व दिव्यांग दिवस मनाया गया। वहीं इस दौरान एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा ने उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर लोगों को लगता है कि चूंकि दिव्यांग किसी ना किसी रूप में शारीरिक व मानसिक अक्षमता का शिकार होते हैं तो इसलिए वे आजीवन दूसरों पर बोझ बने रहते हैं। जबकि सत्य यह है कि कई प्रकार की दिव्यांगता में सही प्रशिक्षण, सही मौके तथा सही प्रयोग की मदद से ना सिर्फ उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। बल्कि वे समाज में बराबर का जीवन भी जी सकते हैं। शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को देश की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से हर साल वैश्विक पटल पर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। दिव्यांगों को लेकर समाज में व्याप्त पूर्वाग्रह और भेदभाव को दूर करने के लिए, उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने तथा दिव्यांग लोगों को समाज में बराबरी के स्तर पर लाने के लिए उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ बनाने के मौके पैदा करने के लिए प्रयास करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 3 दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष विश्व दिव्यांगता दिवस का थीम "जो भविष्य हम चाहते हैं, उसके लिए 17 लक्ष्यों को प्राप्त करना" हैं। सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में भी हर महीने विकलांगता के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं और रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से भी यहां पर विकलांग व्यक्तियों के लिए कहीं थेरेपी दी जाती है। ताकि वे अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने में सक्षम हो सकें। गौर रहे कि वर्ष 2016 में भी दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) को अपनाने तथा इन लक्ष्यों की भूमिका से विश्व को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने के उद्देश्य से इसी थीम के साथ विश्व विकलांगता दिवस मनाया गया था।
कुल्लू , 03 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विश्व दिव्यांग दिवस मनाया गया। वहीं इस दौरान एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा ने उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर लोगों को लगता है कि चूंकि दिव्यांग किसी ना किसी रूप में शारीरिक व मानसिक अक्षमता का शिकार होते हैं तो इसलिए वे आजीवन दूसरों पर बोझ बने रहते हैं। जबकि सत्य यह है कि कई प्रकार की दिव्यांगता में सही प्रशिक्षण, सही मौके तथा सही प्रयोग की मदद से ना सिर्फ उनको आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। बल्कि वे समाज में बराबर का जीवन भी जी सकते हैं।
शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को देश की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य से हर साल वैश्विक पटल पर अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। दिव्यांगों को लेकर समाज में व्याप्त पूर्वाग्रह और भेदभाव को दूर करने के लिए, उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर दुनिया भर में लोगों को जागरूक करने तथा दिव्यांग लोगों को समाज में बराबरी के स्तर पर लाने के लिए उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ बनाने के मौके पैदा करने के लिए प्रयास करने के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में 3 दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष विश्व दिव्यांगता दिवस का थीम "जो भविष्य हम चाहते हैं, उसके लिए 17 लक्ष्यों को प्राप्त करना" हैं।
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सीएमओ कुल्लू डॉक्टर सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल ढालपुर में भी हर महीने विकलांगता के प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं और रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से भी यहां पर विकलांग व्यक्तियों के लिए कहीं थेरेपी दी जाती है। ताकि वे अपने रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने में सक्षम हो सकें।
गौर रहे कि वर्ष 2016 में भी दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) को अपनाने तथा इन लक्ष्यों की भूमिका से विश्व को अधिक समावेशी और न्यायसंगत बनाने के उद्देश्य से इसी थीम के साथ विश्व विकलांगता दिवस मनाया गया था।
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