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धर्मशाला ! कांगड़ा जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर सात स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं जिनका मंगलवार को उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने विधिवत रूप से शुभारंभ किया। इस बाबत स्वचालित मौसम स्टेशन के बारे में जानकारी देने के लिए उपायुक्त कार्यालय के सभागार में पंचायत प्रतिनिधियों की एक वर्कशाप भी आयोजित की गई। उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने बताया कि प्रारंभिक चरण में स्वचालित मौसम स्टेशन कांगड़ा जिला के आवेरी, बीड़, खास, दरूग, नपोहता, कोहर खास, करनाथू तथा डंडेल में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं इनके माध्यम से मौसम के पूर्व जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले चरण में जिला के अन्य मौसम की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में भी स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में यह मौसम स्टेशन काफी कारगर साबित होंगे किसी भी तरह की भारी बारिश, आंधी, तूफान इत्यादि के बारे में मौसम स्टेशन के उपकरणों के माध्यम से अलर्ट की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साथ संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तक भी पहुंचेगी ताकि मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आपदा प्रबंधन की तैयारियां की जा सकें। इससे पहले प्रज्ञा संस्था के प्रबंधक नीलेश एक्का ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए स्वचालित मौसम स्टेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह एक बहुत ही परिष्कृत और लागत प्रभावी माप, रिकार्डिंग, संचारण और निगरानी मशीन है जो बहुत कम बिजली खपत करती है और बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के रिचार्जेबल बेटरी पर भी चल सकती है। उन्होंने कहा कि स्वचालित मौसम स्टेशन में उपयोग किए जाने वाले सेंसरों को भारतीय मौसम विज्ञान द्वारा प्रमाणित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वचालित मौसम स्टेशन की साइट्स का चयन भी काफी शोध और मापदंडों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, मौसम स्टेशन की कार्यक्षमता करीब सात से आठ किलोमीटर है। इस अवसर पर एडीएम रोहित राठौर, डीएसपी बलदेव ठाकुर तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रभारी भानु सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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