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जिला मंडी के करसोग हलके के खडून गांव की पांच बच्चियों के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर फरिश्ता बनकर सामने आए हैं। मुख्यमंत्री के करसोग प्रवास ने पांचों बच्चियों के जीवन में रंग भर दिए हैं। बच्चियों की मां को अब उनकी पढ़ाई लिखाई की चिंता नहीं सताएगी। बच्चियां अब पढ़ लिख कर अपने पांव पर खड़ी हो सकेंगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पांचों बच्चियों के लिए सहारा बने हैं। बच्चियाें व गरीब मां की व्यथा सुनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। साथ ही पूरी पढ़ाई का खर्च भी सरकार की ओर से उठाने की घोषणा की है।पांच बच्चियों के सिर से तीन साल पहले उनके पिता का साया उठ गया था। पिता घर में कमाई का एकमात्र साधन थे। वह एचआरटीसी में दैनिक वेतनभोगी थे। उनकी मासिक पगार से घर का खर्च चलता था। निधन के बाद रोजी रोटी का एकमात्र साधन भी छिन गया। मां सीमा देवी पर बच्चियों की परवरिश व पढ़ाई लिखाई का बोझ आ गया था। पैसे के अभाव में बच्चियों का पालन पोषण मां के लिए पहाड़ जैसी चुनौती बन गया। मेहनत मजदूरी कर सीमा देवी पांचों बच्चियों की पढ़ाई लिखाई करवा रही थी। बड़ी बेटी 18 साल की है, वह कालेज में पढ़ती है। सबसे छोटी बेटी तीन साल की है।तीन साल से सीमा प्रशासन से मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। सीमा को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करसोग दौरे का पता चला तो वह वीरवार को बच्चियों को लेकर उन्हें मिलने विश्राम गृह पहुंच गई। सीमा की व्यथा सुनने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तुरंत दो लाख रुपये देकर पांचों बच्चियों की पढ़ाई लिखाई सुचारू रखने को कहा। मुख्यमंत्री की तरफ से मिली सहायता राशि से अब सीमा की पांचों बेटियां खूब पढ़ेंगी लिखेंगी।
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