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मंडी जिले के उपमंडल करसोग के एक स्कूल में 13 वर्षीय छात्रा चरस के नशे में धुत्त होकर स्कूल पहुंच गई। स्कूल शुरू होने से पहले कुछ छात्र स्कूल के बाहर नशा करते स्थानीय लोगों द्वारा देखे गए, जिसकी सूचना फोन के जरिए स्कूल प्रबंधन को दी गई। सूचना मिलते ही स्कूल प्रबंधन द्वारा गठित टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही छात्र वहां से भागने में कामयाब रहे। खाली हाथ स्कूल वापस लौटी टीम ने जब छानबीन शुरू की तो एक छात्रा का नाम सामने आया। इस छात्रा को स्कूल के प्रधानाचार्य कक्ष में बुलाकर पूछताछ की गई, जिसमें छात्रा ने बताया कि उसने नशा किया है तथा वह इसकी आदी हो चुकी है। 13 वर्षीय छात्रा की बातों को सुनकर प्रधानाचार्य सहित अन्य अध्यापक हैरान रह गए। स्कूल प्रबंधन ने छात्रा द्वारा नशा करने की सूचना उसके परिजनों को दी तथा उनसे तुरंत स्कूल आने का आग्रह किया। परिजनों के अलावा स्थानीय पुलिस को भी मामले से अवगत करवाया गया तथा नशा करने वाले अन्य स्कूली छात्र-छात्राओं की पहचान करने के लिए अध्यापकों को आवश्यक दिशा-निर्देश स्कूल प्रबंधन द्वारा जारी किए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए छात्रा के परिजन जल्द ही स्कूल पहुंचे तथा डीएसपी करसोग गीतांजलि ठाकुर की अगुवाई में पुलिस की टीम भी स्कूल पहुंच गई। डीएसपी गीतांजलि ठाकुर ने नशे की हालत में स्कूल पहुंची छात्रा से बातचीत की तथा उसे भविष्य में नशा न करने के लिए प्रेरित किया। छात्रा को चरस किसने उपलब्ध करवाई तथा इसके अलावा और कितने छात्र व छात्राएं नशे की गिरफ्त में हैं, इसकी जानकारी जुटाने के लिए डीएसपी ने छात्रा की काऊंसलिंग करते हुए उससे बातचीत शुरू कर दी। इस बातचीत के दौरान छात्रा ने बताया कि वह इसके अलावा शराब भी पीती है तथा वह नशा छोड़ने की हालत में नहीं है। बातचीत के दौरान छात्रा ने स्कूल के बाहर उन स्थानों के बारे में बताया, जहां अन्य छात्रों सहित वह नशा करती है। पुलिस ने सभी स्थलों का निरीक्षण करने के बाद छात्रों को नशे की आपूर्ति करने वालों पर शिकंजा कसने की रणनीति बनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। बहरहाल छात्रा से बातचीत करने के बाद उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। डीएसपी करसोग ने बताया कि 13 वर्षीय नाबालिग छात्रा द्वारा नशा करने के बाद स्कूल पहुंचने का मामला सामने आया है। छात्रा की काऊंसङ्क्षलग की जा रही है तथा करसोग पुलिस स्कूल के बाहर पैट्रोलिंग शुरू करेगी ताकि छात्रों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूली छात्रों को नशा बेचने वाले किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। स्कूल के 100 मीटर के दायरे में बीड़ी-सिगरेट व अन्य नशीले पदार्थों को बेचने वाले दुकानदारों के चालान भी किए गए हैं।
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