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ऊना , 14 अप्रैल ! उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई दी। हिमाचल दिवस की पूर्व संध्या पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने 15 अप्रैल को सभी हिमाचल वासियों के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सन 1948 से आरम्भ इस विकास यात्रा में सफलता का स्वर्णिम सफ़र तय किया है. उन्होंने हिमाचल के गठन और उसके बाद की अनवरत विकास यात्रा में योगदान के लिए प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार समेत सभी विभूतियों के योगदान को स्मरण किया। साथ ही उन्होंने प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने में 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की निर्णायक भूमिका को भी स्मरण किया। उन्होंने हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की स्मृतियों को भी नमन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की सुशासन की नीतियों से आज हिमाचल पहाड़ी राज्यों में विकास का आदर्श बन के उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने विकास की इसी सोच को नए आयाम देते हुए आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश और प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए काम कर रही है। विशेषकर संसाधन सृजन, युवा विकास और जन कल्याण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए हैं। इस नए दौर में हर वर्ग, हर व्यक्ति, हर क्षेत्र का समग्र और समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। बीते वर्ष प्रदेश में आई भीषण आपदा के बावजूद भी सरकार ने विकास की गाड़ी को रूकने नहीं दिया। यही कारण है कि प्रदेश आपदा के दौर से निकल कर अब विकास की पटरी पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। कांग्रेस ने चुनावों में 10 गारंटियां लोगों को दी थीं, उन्हें चरणबद्ध पूरा किया जा रहा है। डेढ़ साल में सरकार ने 5 गारंटियां पूरी कर दी हैं। हमने प्रदेश के कर्मचारियों से ओ पी एस को बहाल करने का वायदा किया था। जिसे हमने सरकार बनते पहली कैबिनेट में ही पुरा करते हुए 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी थमाई है। महिलाओं को हर महीने 1500-1500 देने की गारंटी पूरी करके माताओं-बहनों से किया अपना वादा भी निभाया। कांग्रेस सरकार ने नशा और खनन माफ़िया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। हम प्रदेश में किसी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें नशा मुक्त हिमाचल बनाना है, अपनी युवा पीढ़ी को नशे से बचा कर उनकी शक्ति और सामर्थ्य को हिमाचल को आगे ले जाने में लगाना है। वहीं प्रदेश की संपदा की रक्षा और नदियों-खड्डों को छलनी होने से बचाने के लिए हमारी पूरी कमिटमेंट है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन स्टेट के तौर पर विकसित करने को लेकर काम कर रही है। हिमाचल ग्रीन तकनीकी को बढ़ावा देने में देशभर में अग्रणी है। सरकार ने प्राइवेट ऑपरेटर्स को इलेक्ट्रिक्स बस, इलेक्ट्रिक्स ट्रक, इलेक्ट्रिक्स टैक्सी, ई गुड्स कैरियर्स लेने पर 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये उपदान का प्रावधान किया है। इसके साथ–साथ परिवहन विभाग में इलेक्ट्रिक गाड़ियां और हिमाचल पथ परिवहन निगम में सैकड़ो इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल की जा रही है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक पारित होने के बाद राज्य के 6,000 निराश्रित बच्चों को अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा मिला है। हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सरकार 27 वर्ष की आयु तक के निराश्रित बच्चों के माता-पिता की भूमिका में रहकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के बाद मकान बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन और 4,000 रूपए प्रतिमाह उपलब्ध करवाएगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संसाधन बढ़ाने पर जोर दे रही है। फिजूल खर्ची कम की गई है। टोल बैरियर, आबकारी ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया में परिवर्तन से सरकार की आय में वृद्धि हुई है। .
ऊना , 14 अप्रैल ! उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की बधाई दी। हिमाचल दिवस की पूर्व संध्या पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने 15 अप्रैल को सभी हिमाचल वासियों के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने सन 1948 से आरम्भ इस विकास यात्रा में सफलता का स्वर्णिम सफ़र तय किया है.
उन्होंने हिमाचल के गठन और उसके बाद की अनवरत विकास यात्रा में योगदान के लिए प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार समेत सभी विभूतियों के योगदान को स्मरण किया। साथ ही उन्होंने प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाने में 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की निर्णायक भूमिका को भी स्मरण किया। उन्होंने हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की स्मृतियों को भी नमन किया।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकारों की सुशासन की नीतियों से आज हिमाचल पहाड़ी राज्यों में विकास का आदर्श बन के उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने विकास की इसी सोच को नए आयाम देते हुए आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश और प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए काम कर रही है। विशेषकर संसाधन सृजन, युवा विकास और जन कल्याण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए गए हैं।
इस नए दौर में हर वर्ग, हर व्यक्ति, हर क्षेत्र का समग्र और समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा रहा है। बीते वर्ष प्रदेश में आई भीषण आपदा के बावजूद भी सरकार ने विकास की गाड़ी को रूकने नहीं दिया। यही कारण है कि प्रदेश आपदा के दौर से निकल कर अब विकास की पटरी पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
कांग्रेस ने चुनावों में 10 गारंटियां लोगों को दी थीं, उन्हें चरणबद्ध पूरा किया जा रहा है। डेढ़ साल में सरकार ने 5 गारंटियां पूरी कर दी हैं। हमने प्रदेश के कर्मचारियों से ओ पी एस को बहाल करने का वायदा किया था। जिसे हमने सरकार बनते पहली कैबिनेट में ही पुरा करते हुए 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे की लाठी थमाई है। महिलाओं को हर महीने 1500-1500 देने की गारंटी पूरी करके माताओं-बहनों से किया अपना वादा भी निभाया।
कांग्रेस सरकार ने नशा और खनन माफ़िया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। हम प्रदेश में किसी सूरत में इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हिमाचल के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें नशा मुक्त हिमाचल बनाना है, अपनी युवा पीढ़ी को नशे से बचा कर उनकी शक्ति और सामर्थ्य को हिमाचल को आगे ले जाने में लगाना है। वहीं प्रदेश की संपदा की रक्षा और नदियों-खड्डों को छलनी होने से बचाने के लिए हमारी पूरी कमिटमेंट है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन स्टेट के तौर पर विकसित करने को लेकर काम कर रही है। हिमाचल ग्रीन तकनीकी को बढ़ावा देने में देशभर में अग्रणी है। सरकार ने प्राइवेट ऑपरेटर्स को इलेक्ट्रिक्स बस, इलेक्ट्रिक्स ट्रक, इलेक्ट्रिक्स टैक्सी, ई गुड्स कैरियर्स लेने पर 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये उपदान का प्रावधान किया है। इसके साथ–साथ परिवहन विभाग में इलेक्ट्रिक गाड़ियां और हिमाचल पथ परिवहन निगम में सैकड़ो इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल की जा रही है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय विधेयक पारित होने के बाद राज्य के 6,000 निराश्रित बच्चों को अब चिल्ड्रन ऑफ स्टेट का दर्जा मिला है। हिमाचल प्रदेश इस तरह का कानून बनाने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि सरकार 27 वर्ष की आयु तक के निराश्रित बच्चों के माता-पिता की भूमिका में रहकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठाएगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के बाद मकान बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन और 4,000 रूपए प्रतिमाह उपलब्ध करवाएगी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संसाधन बढ़ाने पर जोर दे रही है। फिजूल खर्ची कम की गई है। टोल बैरियर, आबकारी ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया में परिवर्तन से सरकार की आय में वृद्धि हुई है। .
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