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बद्दी ! जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बददी के मलकू माजरा में स्थित फार्मा उद्योग एंजल लाइफ साइंस तथा उसके कामगारों के बीच चल रहा विवाद जब इंटक प्रदेश अध्यक्ष बबलू पंडित के पास पहुंचा तो उन्होंने कंपनी प्रबंधन और मजदूरों के बीच समझौता करवा दिया। कंपनी प्रबंधक एमएल शर्मा ने कहा कि कंपनी मजदूरों का ईएसआई और पीएफ 31 मार्च तक जमा करवाने का पूरा प्रयास करेगी तथा कंपनी कामगारों को वेतन और ओवरटाइम समय पर दिया जाएगा ।कंपनी प्रबंधन ने कहा कि किसी भी मजदूर को बिना नोटिस के नहीं निकाला जाएगा। कामगारों को उनका वेतन व ओवर टाईम समय पर मुहैया कराया जाएगा। कंपनी के आश्वासन के बाद कामगारों के बीच उपजा विवाद समाप्त हो गया। कामगारों की समस्या हल कर दी गई है। कामगारो अब पहले ही तरह डिस्पेंसरी में दवाई व उपचार मिलेगा। इंटक प्रदेशाध्यक्ष बबलू पंडित ने बताया कि कंपनी ने मजदूरों की शर्तें मान ली हैं अगर कंपनी इन शर्तों को पूरा नहीं करती है तो उसपर आगामी कार्यवाही की जा सकती है। आपको बतादें कि कामगारों का आरोप था कि कंपनी ने करीब एक साल से कामगारों को ईपीएफ व ईएसआईसी अंशदान जमा नहीं कराया है। जिससे सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं बंद हो गई है। ईएसआईसी की डिस्पेंसरी में कामगारों का इलाज करने से डॉक्टरों ने इस लिए इंकार कर दिया गया कि उक्त कंपनी का अंशदान जमा नहीं हुआ था। यही नहीं कुछ कामगारों को बिना नोटिस के प्रबधक वर्ग निकालने के चक्कर में था। जिस पर कामगारों ने वीरवार को इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बबलू पंडित के नेतृत्व में प्रदर्शन कर इस समस्या के बारे मे ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशक को भी ज्ञापन सौंपा गया था।
बद्दी ! जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बददी के मलकू माजरा में स्थित फार्मा उद्योग एंजल लाइफ साइंस तथा उसके कामगारों के बीच चल रहा विवाद जब इंटक प्रदेश अध्यक्ष बबलू पंडित के पास पहुंचा तो उन्होंने कंपनी प्रबंधन और मजदूरों के बीच समझौता करवा दिया। कंपनी प्रबंधक एमएल शर्मा ने कहा कि कंपनी मजदूरों का ईएसआई और पीएफ 31 मार्च तक जमा करवाने का पूरा प्रयास करेगी तथा कंपनी कामगारों को वेतन और ओवरटाइम समय पर दिया जाएगा ।कंपनी प्रबंधन ने कहा कि किसी भी मजदूर को बिना नोटिस के नहीं निकाला जाएगा। कामगारों को उनका वेतन व ओवर टाईम समय पर मुहैया कराया जाएगा। कंपनी के आश्वासन के बाद कामगारों के बीच उपजा विवाद समाप्त हो गया। कामगारों की समस्या हल कर दी गई है। कामगारो अब पहले ही तरह डिस्पेंसरी में दवाई व उपचार मिलेगा। इंटक प्रदेशाध्यक्ष बबलू पंडित ने बताया कि कंपनी ने मजदूरों की शर्तें मान ली हैं अगर कंपनी इन शर्तों को पूरा नहीं करती है तो उसपर आगामी कार्यवाही की जा सकती है।
आपको बतादें कि कामगारों का आरोप था कि कंपनी ने करीब एक साल से कामगारों को ईपीएफ व ईएसआईसी अंशदान जमा नहीं कराया है। जिससे सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं बंद हो गई है। ईएसआईसी की डिस्पेंसरी में कामगारों का इलाज करने से डॉक्टरों ने इस लिए इंकार कर दिया गया कि उक्त कंपनी का अंशदान जमा नहीं हुआ था। यही नहीं कुछ कामगारों को बिना नोटिस के प्रबधक वर्ग निकालने के चक्कर में था। जिस पर कामगारों ने वीरवार को इंटक के प्रदेश अध्यक्ष बबलू पंडित के नेतृत्व में प्रदर्शन कर इस समस्या के बारे मे ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशक को भी ज्ञापन सौंपा गया था।
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